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मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की अंतरराज्यीय सीमा पर सुरक्षा को और कड़ा किया जा रहा है। प्रयागराज महाकुंभ 2025 के मद्देनजर, बॉर्डर पर आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाएगा। इसमें जियो फेंसिंग, मेटल डिटेक्टर, और स्मार्ट बैरियर्स शामिल हैं। इन उपायों का उद्देश्य सीमा पार करने वाले वाहनों और व्यक्तियों की सघन जांच सुनिश्चित करना है।
प्रमुख बदलाव और उपाय
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जियो फेंसिंग तकनीक: इलेक्ट्रॉनिक निगरानी के लिए एक वर्चुअल क्षेत्र बनाया जाएगा।
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सीमा पार करने वाले हर व्यक्ति और वाहन का रिकॉर्ड रखा जाएगा।
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बिना अनुमति प्रवेश रोकने की व्यवस्था होगी।
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स्मार्ट बैरियर्स और आधुनिक उपकरण: बॉर्डर पर मेटल डिटेक्टर और एक्स-रे मशीनें लगाई जाएंगी।24/7 निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे और बैरियर पर मेला पुलिस का लोगो होगा।
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संदिग्ध गतिविधियों पर नजर: जन जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
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लोगों को संदिग्ध व्यक्तियों और वस्तुओं की सूचना देने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
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प्रयागराज महाकुंभ के लिए खास तैयारी
- महाकुंभ में लाखों श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष बैठकें आयोजित की गई हैं।
- चित्रकूट धाम के आयुक्त और संबंधित जिलों के पुलिस अधिकारियों ने अंतर प्रांतीय सीमा पर निगरानी बढ़ाने का निर्णय लिया।
- प्रमुख स्नानों के दौरान पुलिस बल की संख्या में वृद्धि की जाएगी।
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प्रमुख निर्देश
- जांच का रिकॉर्ड एक रजिस्टर में दर्ज होगा।
- अनावश्यक रूप से वाहनों और व्यक्तियों को न रोका जाए।
- पुलिस बल द्वारा चेकिंग के दौरान किसी के साथ दुर्व्यवहार न किया जाए।
सहयोग और समन्वय
मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल के लिए एक वॉट्सएप ग्रुप बनाया जाएगा।
यह नई व्यवस्था न केवल महाकुंभ की सुरक्षा को मजबूत करेगी, बल्कि आतंकवादी और असामाजिक तत्वों की गतिविधियों पर भी रोक लगाएगी।
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