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MP tourism: मध्यप्रदेश के पर्यटन को एक नई उड़ान मिलने वाली है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई मंगलवार की कैबिनेट बैठक में एक ऐतिहासिक फैसला लिया गया है। प्रदेश में अब पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मोड (Public Private Partnership Mode) पर हेलिकॉप्टर सेवा शुरू की जाएगी।
यह पहल उत्तराखंड की तर्ज पर की जा रही है, जिसका उद्देश्य राज्य के तीर्थ स्थलों, पर्यटन स्थलों और नेशनल पार्कों को हवाई मार्ग से जोड़ना है। इस कदम से न केवल पर्यटकों की यात्रा आसान होगी बल्कि राज्य में पर्यटन को भी एक नई गति मिलेगी।
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पीपीपी मोड पर हेलिकॉप्टर सेवा
पर्यटन विभाग (एमपी पर्यटन) के पेश किए गए इस प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। इसके तहत अब प्राइवेट ऑपरेटर राज्य सरकार की निगरानी और मंजूरी के साथ हेलिकॉप्टर सेवाओं का संचालन कर सकेंगे।
इन सेवाओं का मुख्य उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों और दूसरे राज्यों से आने वाले सैलानियों को कम समय में प्रदेश के प्रमुख स्थलों तक पहुंचाना है। इससे पर्यटन स्थलों की कनेक्टिविटी बेहतर होगी और सैलानियों को लंबी सड़क यात्रा से राहत मिलेगी।
यह सेवा प्रदेश के विभिन्न हवाई अड्डों, हेलिपैड और हवाई पट्टियों के बीच चलाई जाएगी। सरकार ने इसके लिए तीन प्रमुख सेक्टर तय किए हैं, जिससे सेवा प्रदाता कंपनियां अपने रूट का चुनाव कर सकेंगी।
यह एक किफायती और सुविधाजनक विकल्प होगा जो पर्यटकों को कम समय में अधिक से अधिक जगहों का अनुभव करने का मौका देगा।
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पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
एमपी के पर्यटन (CM मोहन यादव) को बढ़ावा देने के लिए पूरे प्रदेश को तीन अलग-अलग हवाई सर्किलों में बांटा गया है। इन सर्किलों में धार्मिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक स्थलों को शामिल किया गया है, ताकि हर तरह के पर्यटकों की रुचि पूरी हो सके।
सेक्टर-1: पश्चिमी और मध्य मध्य प्रदेश का सर्किट
इस सेक्टर में मध्य प्रदेश के पश्चिमी और मध्य भाग के प्रमुख पर्यटन स्थल शामिल हैं। यह सर्किट उन पर्यटकों के लिए बेहतरीन होगा जो धार्मिक और ऐतिहासिक जगहों को कम समय में देखना चाहते हैं। इसमें शामिल स्थल हैं:
इंदौर: व्यापार और पर्यटन का केंद्र।
उज्जैन: महाकाल लोक और धार्मिक महत्व।
ओंकारेश्वर: पवित्र ज्योतिर्लिंग।
मांडू, महेश्वर, गांधीसागर: ऐतिहासिक और प्राकृतिक सौंदर्य।
हनुवंतिया: जल-पर्यटन का प्रमुख केंद्र।
अन्य शहर जैसे नीमच, खंडवा, खरगोन, बुरहानपुर, बड़वानी, अलीराजपुर, रतलाम, झाबुआ, नलखेड़ा, भोपाल और जबलपुर भी इस सेक्टर का हिस्सा हैं।
सेक्टर-2: मध्य और उत्तरी मध्य प्रदेश का सर्किट
यह सेक्टर प्रदेश के मध्य और उत्तरी हिस्सों को जोड़ेगा। यह उन पर्यटकों के लिए फायदेमंद होगा जो वाइल्डलाइफ और ऐतिहासिक स्थलों में रुचि रखते हैं। इसमें शामिल हैं:
भोपाल, मढ़ई, पचमढ़ी, तामिया: वाइल्डलाइफ और प्राकृतिक सौंदर्य।
सांची, दतिया, ग्वालियर, शिवपुरी: ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत।
कूनो: वन्यजीव और राष्ट्रीय उद्यान।
अन्य शहर जैसे ओरछा, गुना, राजगढ़, सागर, होशंगाबाद, बैतूल, टीकमगढ़ और जबलपुर भी इस सेक्टर में आते हैं।
सेक्टर-3: पूर्वी मध्य प्रदेश और विंध्य का सर्किट
यह सेक्टर प्रदेश के पूर्वी हिस्से और विंध्य क्षेत्र को कवर करेगा, जो मुख्य रूप से वन्यजीव और धार्मिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। इसमें शामिल हैं:
जबलपुर, बांधवगढ़, कान्हा, पेंच: राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभयारण्य।
चित्रकूट, मैहर, अमरकंटक: महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल।
पन्ना, खजुराहो: ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के स्थल।
अन्य शहर जैसे सरसी, परसिली, कटनी, रीवा, सिंगरौली, सिवनी, सीधी, मंडला, भोपाल और इंदौर को भी इस सर्किट से जोड़ा जाएगा।
मध्यप्रदेश सरकार (नई पर्यटन पॉलिसी) का यह निर्णय राज्य में पर्यटन को एक नई दिशा देगा। हेलिकॉप्टर सेवाओं (मध्य प्रदेश पर्यटन गाइड) से जहां पर्यटकों के लिए यात्रा सुविधाजनक होगी। ये (मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग) सभी कदम मिलकर मध्य प्रदेश को एक आधुनिक और विकसित राज्य बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होंगे।
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