एमपी के कर्मचारियों को बड़ी राहत, मिलेगा 27 महीनों से अटका एरियर
मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन लिमिटेड के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए एक अच्छी खबर है। खाद्य विभाग और निगम द्वारा एक जनवरी 2016 से 31 मार्च 2018 तक का लंबित एरियर देने का आदेश जारी किया गया है।
मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन लिमिटेड के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए एक अच्छी खबर है। खाद्य विभाग और निगम द्वारा एक जनवरी 2016 से 31 मार्च 2018 तक का लंबित एरियर देने का आदेश जारी किया गया है। यह आदेश निगम के 800 से अधिक कर्मचारियों के लिए फायदेमंद साबित होगा।
खाद्य मंत्री श्री @govinds_R के अथक प्रयासों से मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन लिमिटेड के कर्मियों को एक जनवरी 2016 से 31 मार्च 2018 तक का 27 माह का पुराना लंबित एरियर्स देने के आदेश खाद्य विभाग एवं निगम द्वारा जारी कर दिये गये हैं।
इसके अलावा, 30 साल की सेवा पूरी कर चुके अधिकारियों और कर्मचारियों को तृतीय समयमान वेतनमान की स्वीकृति भी दी गई है। वित्त विभाग से स्वीकृति मिलने के बाद खाद्य विभाग और निगम ने आदेश जारी कर दिए हैं, जिससे कर्मचारियों को वेतनमान का लाभ मिलेगा।
लंबे समय से उठ रही थी वेतनमान की मांग
मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन लिमिटेड के कर्मचारी और अधिकारी कई वर्षों से एरियर्स और समयमान वेतनमान की मांग कर रहे थे। खाद्य विभाग की प्रमुख सचिव रश्मि अरुण शमी और नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंध संचालक पीएन यादव के विशेष प्रयासों से यह लाभ कर्मचारियों को मिल सका है।
कर्मचारी संघ ने सरकार का किया धन्यवाद
मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन लिमिटेड अधिकारी और कर्मचारी संघ ने खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का आभार व्यक्त किया है। इस निर्णय से 800 कर्मचारियों को सीधा लाभ मिलेगा।
FAQ
किस तारीख से किस तारीख तक का एरियर कर्मचारियों को मिलेगा?
कर्मचारियों को 1 जनवरी 2016 से 31 मार्च 2018 तक का एरियर मिलेगा।
कितने कर्मचारियों को इसका लाभ मिलेगा?
800 से ज्यादा कर्मचारियों को इसका लाभ मिलेगा।
किस वेतनमान का लाभ भी कर्मचारियों को मिलेगा?
कर्मचारियों को तृतीय समयमान वेतनमान का भी लाभ मिलेगा।
कर्मचारियों की यह मांग कब से उठ रही थी?
कर्मचारियों द्वारा एरियर्स और समयमान वेतनमान की मांग कई सालों से उठाई जा रही थी।
इस फैसले के लिए कौन-कौन जिम्मेदार हैं?
स फैसले के लिए रश्मि अरुण शमी और पीएन यादव के प्रयासों को सराहा गया है।