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बिहार विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान MP के सीएम मोहन यादव पटना में यादव महासभा के कार्यक्रम में उपस्थित हुए। इस अवसर पर उन्होंने भोजपुरी भाषा और बिहार-मध्यप्रदेश के सांस्कृतिक संबंधों पर महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने कहा कि भोजपुरी भाषा का संबंध न सिर्फ बिहार, बल्कि मध्य प्रदेश से भी गहरा है। वह इसे इतिहास के महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में देखते हैं। भोज राजाओं और उनके परिवार का बिहार से ऐतिहासिक संबंध रहा है।
भोजपुरी भाषा दोनों क्षेत्रों में
सीएम ने कहा कि सम्राट अशोक के काल में उज्जयिनी यानी महाजनपद के दो स्थान थे। एक पटना, जिसे पाटलिपुत्र कहा जाता है, और दूसरा अवंतिका यानी उज्जयिनी था। वहां युवराज और यहां सम्राट बैठते थे। हमारा उस काल से गहरा संबंध है।
सीएम ने कहा, हमारा एक और संबंध भोजपुरी भाषा से जुड़ा है। राजा भोज भी अतीत में परिवार सहित बिहार की धरती पर आए। इसलिए भोजपुरी भाषा थोड़ी यहां की है, थोड़ी हमारे वहां की है।
भगवान कृष्ण का बिहार से जुड़ा महत्व
सीएम ने भगवान कृष्ण के संदर्भ में कहा कि यदि किसी राज्य का नाम भगवान कृष्ण के नाम पर रखा गया है, तो वह बिहार ही है। भगवान कृष्ण का जीवन और उनके योगदान को बिहार में पूरी श्रद्धा के साथ सम्मानित किया जाता है। पटना में भगवान कृष्ण के बेटे ने सूर्य मंदिर का निर्माण किया था, जो इस क्षेत्र के सांस्कृतिक इतिहास को जीवित करता है।
सीएम ने भगवान कृष्ण की लीलाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि कृष्ण के जीवन में धर्म की लड़ाई और जीवन जीने की प्रेरणा दी गई थी। उनके उदाहरण से यह समझ आता है कि समाज के संसाधनों का हक सभी को मिलना चाहिए। यही संदेश उन्होंने अपने भाषण में दिया।
गीता भवन की योजना
सीएम ने घोषणा की कि मध्य प्रदेश सरकार ने हर नगर निगम, नगर पालिका और नगर परिषद में गीता भवन बनाने का निर्णय लिया है। यह निर्णय भगवान कृष्ण की शिक्षा को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से लिया गया है। इसके माध्यम से धार्मिक और सांस्कृतिक शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा।
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कृष्ण के योगदान को देखना
भगवान कृष्ण का जीवन प्रेरणा देने वाला था। उन्होंने समाज के भले के लिए समय-समय पर संघर्ष किया और धर्म की राह पर चलने की प्रेरणा दी। उनकी शिक्षा और कार्यकाल से यह सिद्ध होता है कि धर्म की सच्ची लड़ाई कभी आसान नहीं होती, लेकिन सही मार्ग पर चलने से ही सच्ची विजय प्राप्त होती है।