एमपी सीएम डॉ. मोहन यादव ने एहम् फैसला लिया है। सीएम मोहन यादव ने मध्य प्रदेश के लाखों परिवारों के मुख्यमंत्री आवास योजना के सभी बकायादारों का कर्ज माफ करने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री आवास योजना के साढ़े 6 लाख लाभार्थियों में से केवल 1 लाख 22 हजार ने ही बैंकों का ऋण चुकाया है। बाकि बचे परिवारों के लिए अब सीएम मोहन यादव ने सभी बकायेदारों का ऋण चुकाने का निर्णय ले लिया है।
शिवराज सरकार की योजना
साल 2010-11 में ऐसे आवासहीन लोगों के लिए जो प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण की सूची में शामिल नहीं हो पाए थे, उनके अपने आवास का सपना पूरा करने के लिए शिवराज सरकार ने मुख्यमंत्री आवास योजना बनाई थी।
ऋण चुकाने की योजना बना रहे
आवास योजना के अंतर्गत साढ़े 6 लाख परिवारों का चयन हुआ। इसमें 50 हजार रुपए राज्य सरकार ने अपनी ओर से दिए और इतनी ही राशि का ऋण बैंकों से स्वीकृत कराई गई। 15 साल में यह राशि चुकाई जानी थी, लेकिन 1 लाख 22 हजार लाभार्थियों ने ही ऋण चुकाया। 5 लाख 28 हजार बकायेदारों का ऋण चुकाने के लिए मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग योजना बना रहा है।
बकाया राशि
राज्य सरकार ने 8 सालों में 3 हजार 20 करोड़ रुपए स्वीकृत किए थे। ब्याज सहित यह राशि 6 हजार 45 करोड़ रुपए हो गई। अब तक सरकार अपने हिस्से के 3 हजार 700 करोड़ रुपए बैंकों को दे चुकी है। 2 हजार 345 करोड़ रुपए बकाया हैं।
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ऋण चुकाने की स्थिति में नहीं
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि कुछ लाभार्थी वास्तव में ऐसे हो सकते हैं, जो ऋण चुकाने की स्थिति में न हों। वास्तविक स्थिति का पता लगाकर प्रस्ताव तैयार किया जाएगा। बैंकों से भी कहा गया है कि वे एक-एक बकायादार का विस्तृत ब्योरा बनाकर दें क्योंकि यह संभव है कि कुछ की बहुत कम राशि शेष रह गई हो और किसी कारण से वे न चुका पाए हों।
एकमुश्त समझौता योजना लागू
सरकार संपूर्ण ऋण अपने ऊपर लेगी, इसलिए समझौते के लिए सभी पहलुओं पर चर्चा होगी। जिस तरह राज्य सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक के बकायेदारों के लिए एकमुश्त समझौता योजना लागू की गई थी, वैसा फार्मूला भी बनाया जा सकता है।
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