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मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी सत्ताधारी पार्टी के निशाने पर तो रहते ही हैं, अब उन्हें अपनी ही पार्टी के नेताओं के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच देश की पहली ट्रांसजेंडर विधायक बनकर इतिहास रचने वाली शबनम मौसी पीसीसी चीफ के खिलाफ मुखर हो गई हैं। उन्होंने कहा कि जीतू पटवारी को ट्रांसजेंडर समुदाय का श्राप लगेगा। क्या कांग्रेस उनकी पुश्तैनी संपत्ति है, जो जिससे चाहें मिलें और जिसे चाहें ठुकरा दें?
शबनम मौसी ने दिया पटवारी को श्राप
पूर्व विधायक किन्नर शबनम मौसी ने जीतू पटवारी से मिलने का समय मांगा था, लेकिन सहयोगियों ने उन्हें मिलने नहीं दिया। इसके बाद शबनम मौसी ने उन पर किन्नरों का अपमान करने का आरोप लगाया और कहा कि किन्नर समाज से उन्हें श्राप मिलेगा। उनमें लोगों को एकजुट करने की क्षमता नहीं है। कोई अध्यक्ष नहीं मिल रहा था, इसलिए जीतू को अध्यक्ष बना दिया गया।
मेरा अपमान किया गया
शबनम मौसी का कहना है कि जीतू को अध्यक्ष बनाने के बाद कांग्रेस की हालत खराब होती जा रही है। जीतू पटवारी का आचरण ऐसा है कि लोग पार्टी छोड़ रहे हैं। इससे पहले भी जब मैं सदस्यता लेने आई थी तो मेरा अपमान किया गया था, मुझे बहुत दुख है।"
देश की पहली ट्रांसजेंडर विधायक
देश की पहली ट्रांसजेंडर विधायक शबनम मौसी ने साल 2000 में शहडोल जिले की सोहागपुर सीट से उपचुनाव जीता था। यह सीट तत्कालीन कांग्रेस विधायक कृष्णपाल सिंह के निधन के बाद खाली हुई थी। उन्होंने भाजपा के लल्लू सिंह को 17 हजार 800 से अधिक मतों से हराया था। हालांकि, साल 2003 के विधानसभा चुनाव में वे मात्र 1400 वोट ही हासिल कर पाई थीं और हार गई थीं। शबनम मौसी इससे पहले एक ऑटो चालक के साथ मारपीट करने के कारण भी सुर्खियों में रह चुकी हैं।
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