BHOAPL. मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव में महिला और पुरुष उम्मीदवारों के अलावा एक ट्रांसजेंडर भी मैदान में है। दमोह लोकसभा सीट से किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर दुर्गा मौसी चुनाव लड़ रही हैं। वह इस लोकसभा चुनाव में एक मात्र ट्रांसजेंडर प्रत्याशी है। इसके पहले 1998 में सोहागपुर विधानसभा सीट से शबनम मौसी विधायक बन चुकी है। वहीं 2009 में सागर नगर निगम चुनाव में महापौर पद के लिए किन्नर कमला बुआ चुनी गई थीं।
स्कूटी की डिग्गी में रखती हैं प्रचार सामग्री
दुर्गा मौसी कटनी के मुढ़वारा क्षेत्र के चाका से जनपद सदस्य हैं। पहले सरपंच भी रह चुकी हैं। दुर्गा मौसी कटनी की रहने वाली हैं। दमोह से चुनाव लड़ने के सवाल पर कहती है कि जनता के कहने पर चुनावी मैदान में उतरी हूं। वे स्कूटी पर ही चुनाव प्रचार कर रही हैं। आखिरकार वो कैसे राजनीति में आईं और चुनाव लड़ने के पीछे क्या मकसद है। किस तरह से वो प्रचार कर रही हैं। दुर्गा मौसी पूरे लोकसभा क्षेत्र में प्रचार के लिए अपनी स्कूटी पर घूमती हैं। यही उनका प्रचार वाहन है और यही उनका चुनाव कार्यालय है। स्कूटी की डिग्गी में उनके लोकसभा चुनाव की प्रचार सामग्री होती है। सामग्री के नाम पर दुर्गा मौसी ने पेंपलेट छपवाए हैं।
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प्रचार करते जिस गांव में रात हो जाए वहीं विश्राम
दुर्गा मौसी कहती हैं कि अपने गांव से रोजाना 100 किमी का सफर तय कर लोकसभा क्षेत्र में पहुंचती हूं। रास्ते में जो गांव पड़ते हैं वहां प्रचार करती हूं। उनसे पूछा कि रात में क्या वापस गांव लौट जाती हैं? तो कहती हैं जिस गांव में होती हूं, रात होने पर उसी गांव के किसी भी मकान में रुक जाती हूं। रात का खाना उसी परिवार के साथ खाती हूं या फिर किसी होटल में।
देश की पहली विधायक थीं किन्नर शबनम मौसी
1998 में एमपी के शहडोल-अनूपपुर जिले की सोहागपुर सीट से किन्नर शबनम मौसी ने चुनाव लड़ा। वे यहां से निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरीं और शहडोल जिले से ही देश की पहली किन्नर विधायक चुनी गई थी। सोहागपुर विधानसभा की जनता ने पहली बार किन्नर को विधायक बनाकर मध्य प्रदेश की विधानसभा में भेजा था। इसके साथ ही शबनम मौसी देश की पहली किन्नर विधायक बनकर देशभर में चर्चित हो गई थी। शबनम मौसी ने रिकॉर्ड तोड़ जीत दर्ज की थी। उन्हें भाजपा और कांग्रेस के दोनों प्रत्याशियों को कुल वोट से भी ज्यादा वोट मिले थे।
किन्नर कमला बुआ नगर निगम में महापौर चुनी गई थीं
2009 में मध्य प्रदेश के सागर जिले में नगर निगम चुनाव में महापौर पद के लिए किन्नर समुदाय से कमला बुआ भी प्रत्याशी थीं। वह निर्दलीय के तौर पर चाबी चुनाव चिन्ह पर लड़ रही थीं। कमला बुआ ने नामांकन पत्र में खुद को कोरी अनुसूचित जाति और खुद को स्त्री बताया था। चुनाव में उन्हें करीब 65 हजार वोट मिले और उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी सुमन अहिरवार को करीब 40 हजार वोटों के अंतर से शिकस्त दी थी। हालांकि, चुनाव जीतने के बाद किन्नर कमला बुआ ने बीजेपी की सदस्यता ले ली थी। चुनाव प्रक्रिया को बीजेपी उम्मीदवार सुमन अहिरवार ने चुनौती दी थी और दो साल बाद सागर जिला अदालत ने उनका निर्वाचन खत्म कर दिया गया था। इसके अलावा वह सागर अधिकार मंच की उपाध्यक्ष भी रहीं।