शराब ठेकेदारों से मिलीभगत कर आबकारी अधिकारी खरे, झा, रंगशाही, चंद्रावत सभी ने जमकर की कमाई, सभी जांच में उलझे

ओपी के खिलाफ आबकारी कमिश्नर पदस्थ रहते लोकायुक्त भोपाल ने आदिवासियों की जमीन बेचने की नियम विरुद्ध अनुमति जारी करने पर FIR की है। नई सरकार में इन्हें इस पद से हटाकर लूपलाइन भेजा गया।

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Pratibha ranaa
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संजय गुप्ता, INDORE. शराब ठेकेदार गुजरात में अवैध शराब भेजकर, फर्जी बैंक गारंटी लगाकर, ठेकों में अनियमितता कर जमकर सरकार को चूना लगा रहे और अवैध कमाई कर रहे। उधर इस काम में आबकारी विभाग के अधिकारी भी पूर तरह से रचे-बसे हुए हैं। लोकायुक्त द्वारा इन अधिकारियों पर की गई कार्रवाई और खुद विभाग द्वारा बैठाई गई जांच, सस्पेंशन भी बताता है कि विभाग की पूरी दाल ही काली है। 

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आइए देखते हैं अधिकारियों की करतूतें

पूर्व आबकारी आयुक्त आईएएस ओपी श्रीवास्तव- 

ओमप्रकाश श्रीवास्तव पूर्व आबकारी कमिश्नर, इन पर आरोप है कि 28 सीटों पर उप चुनाव के दौरान भोपाल से विदिशा भेजने के नाम पर शराब तस्करी करने की अनुमति दी गई। ओपी के विरुद्ध आबकारी कमिश्नर पदस्थ रहते लोकायुक्त भोपाल ने आदिवासियों की जमीन बेचने की नियम विरुद्ध अनुमति जारी करने पर FIR की है। नई सरकार में इन्हें इस पद से हटाकर लूपलाइन भेजा गया।

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आलोक खरे- 

इंदौर में सहायक आयुक्त रहते हुए पांच साल पहले लोकायुक्त का छापा हुआ। करोड़ों की संपत्ति निकली। इंदौर से लेकर छतरपुर तक संपत्तियां सामने आई। अभी रीवा में प्रभारी उपायुक्त है। 

प्रमोद झा-

उज्जैन में रहते हुए ठेकेदार पवन जायसवाल के साथ मिलकर 4.60 करोड़ का राजस्व चूना लगाने का केस। लोकायुक्त उज्जैन में दर्ज हुआ है। 

पराक्रम सिंह चंद्रवत-

जिला आबकारी अधिकारी, इनके यहां भी धार में पदस्थ रहते हुए 6 साल पहले लोकायुक्त छापा पड़ चुका है। करोड़ों की संपत्तियां सामने आ चुकी है। यह यशवंत क्लब में मेंबर बनने के लिए 25 लाख रुपए भरने के लिए भी तैयार थे।

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विनय रंगशाही- 

जिला आबकारी अधिकारी अलीराजपुर पदस्थ रहते तस्करी की जब्त शराब तस्करों से सांठ गांठ करके छोड़ने पर राजेन्द्र के. गुप्ता की शिकायत पर, प्राथमिक विभागीय जांच में आरोप प्रमाणित हुए। आरोप पत्र जारी हुआ, अंतर्राष्ट्रीय तस्कर दाऊद इब्राहिम के खास तस्कर साथी और बुकी अनिल जयसिंघानी से फरारी में मिल कर शराब तस्करी में निर्दोष को फंसाने की साजिश रचने पर भी विभागीय जांच जारी है। अभी विदिशा में जिला आबकारी अधिकारी है। 

राकेश कुर्मी, यशवंत धनौरा- 

राकेश कुर्मी भोपाल लालघाटी शराब दुकानों की फर्जी FDR केस में जांच चल रही है। यशवंत धनौरा धार AC पदस्थ रहते PS ने प्रशासनिक अधिकारी से डिस्टलरी की जांच करवाई थी, जिसमे अवैधानिक रूप से ट्रकों में भरी शराब पकड़ी थी, PS ने हटाने की अनुशंसा की थी। 

नवल सिंह जामोद-

लोकायुक्त की दस साल पहले कार्रवाई हो चुकी है। अभी रिटायर। इसी तरह सागर में जगदीश राठी पर लोकायुक्त कार्रवाई हो चुकी।

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रिनी गुप्ता-

तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान के कार्यक्रम के नाम पर उमरिया में 1.20 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए पकड़ी जा चुकी है। अभी ग्वालियर में पदस्थ है। 

देपालपुर कोर्ट तो सोम डिस्टलरी मामले में सांठगांठ में सजा दे चुका

देपालुर जिला कोर्ट ने एक पुराने केस में सोम डिस्टलरी के साथ आबकारी विभाग के आधा दर्जन अधिकारियों द्वारा मिलीभगत कर फर्जी परमिट बुक बनाकर शराब परिवहन को लेकर कुछ महीने पहले ही सभी को दोषी मानकर सजा सुनाई है। शराब ठेकेदार और आबकारी विभाग की सांठगांठ इस केस से ही पूरी तरह साबित हो चुकी है।

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