नए जिलाध्यक्षों की नियुक्ति विवाद के बीच एमपी कांग्रेस का बड़ा फैसला, कामकाज की होगी ऑनलाइन मॉनिटरिंग

मध्य प्रदेश कांग्रेस पार्टी ने जिलाध्यक्षों की निगरानी के लिए एक नई रिपोर्टिंग ऐप लाने की तैयारी में है, जिससे उनके कामों पर नजर रखी जाएगी।

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Dablu Kumar
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मध्यप्रदेश कांग्रेस में नए जिलाध्यक्षों की नियुक्ति के बाद अब पार्टी उनके कामकाज पर सीधे तकनीक के माध्यम से निगरानी रखेगी। इसके लिए एक रिपोर्टिंग ऐप तैयार किया गया है, जिससे जिलाध्यक्षों को हर दिन अपने कार्यों की जानकारी अपलोड करनी होगी। इस पहल का उद्देश्य जिलाध्यक्षों के कामकाज की गुणवत्ता में सुधार लाना और उन्हें अधिक जिम्मेदार बनाना है।

मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी ने हाल ही में 71 जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की गई थी, जिसका विरोध पार्टी के अंदर मौजूद नेताओं ने किया। कई जगहों पर पार्टी नेताओं ने पार्टी प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और उनके पुतले भी फूंके। ऐसे में अब कांग्रेस की ओर से बड़ा कदम उठाया गया है, जिसके जरिए कांग्रेस जिला अध्यक्षों को सक्रिय रूप से काम करना होगा। 

पार्टी ऑनलाइन रखेगी नजर 

यह ऐप कांग्रेस पार्टी के संगठनात्मक सुधारों का हिस्सा है, जिसे खासतौर पर मध्य प्रदेश के लिए तैयार किया गया है। जिलाध्यक्षों को रोजाना अपने कार्यों की रिपोर्ट ऐप पर अपलोड करनी होगी, जिससे उनके काम पर नजर रखना आसान होगा। यह पहली बार है जब कांग्रेस पार्टी ने इस तरह का प्रयोग किया है। यदि यह पहल सफल होती है, तो इसे अन्य राज्यों में भी लागू किया जा सकता है।

एमपी कांग्रेस जिला अध्यक्षों से जुड़ी खबर को शॉर्ट में समझें  

  • कांग्रेस पार्टी ने मध्य प्रदेश में जिलाध्यक्षों के कामकाज की निगरानी के लिए एक नई रिपोर्टिंग ऐप तैयार किया है, जिसमें जिलाध्यक्षों को रोज़ाना अपनी कार्यों की जानकारी अपलोड करनी होगी।
  • यह पहल कांग्रेस पार्टी के संगठनात्मक सुधारों का हिस्सा है, और अगर सफल रहती है, तो इसे अन्य राज्यों में भी लागू किया जा सकता है।
  • 24 अगस्त को दिल्ली में 71 नए जिलाध्यक्षों के लिए प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया गया, जिसमें उन्हें अपनी जिम्मेदारियों और रणनीतियों की जानकारी दी गई।
  • पार्टी ने जिला कार्यकारिणी के लिए नया फॉर्मेट तैयार किया है, जिसमें पदाधिकारियों की संख्या सीमित की जाएगी और नियुक्तियां ऑब्जर्वर की निगरानी में होंगी।
  • रिपोर्टिंग ऐप के माध्यम से जिलाध्यक्षों को नए टास्क दिए जाएंगे, जिससे उनकी कार्यप्रणाली और जिम्मेदारियों को ट्रैक किया जाएगा और उन्हें प्रभावी तरीके से पूरा करने के लिए प्रेरित किया जाएगा।

एआईसीसी का प्लान

सूत्रों के अनुसार, अगर यह ऐप सफल रहता है, तो कांग्रेस पार्टी की केंद्रीय इकाई, ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC), इसे अन्य राज्यों में भी लागू करने पर विचार करेगी। इससे न केवल पार्टी के जिलाध्यक्षों की कार्यक्षमता में सुधार होगा, बल्कि संगठन की अंदरूनी कार्यप्रणाली में भी पारदर्शिता आएगी।

जिलाध्यक्षों की ट्रेनिंग सत्र

इस पहल के तहत 24 अगस्त को दिल्ली में सभी 71 नए जिलाध्यक्षों के लिए एक विशेष ट्रेनिंग सत्र आयोजित किया गया है। इस सत्र में जिलाध्यक्षों को अपनी जिम्मेदारियों और रणनीतियों के बारे में गहरी जानकारी दी जाएगी। प्रशिक्षण सत्र में पार्टी के वरिष्ठ नेता मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी भी उपस्थित रहेंगे। मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी की कोशिश है कि पार्टी नेताओं की सक्रियता प्रदेश में बढ़ाई जाए। मप्र में कांग्रेस जिला अध्यक्षों की नियुक्ति के बाद से इस बात के आसार देखे जा रहे थे। 

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पार्टी जिला कार्यकारिणी के लिए नया फॉर्मेट

कांग्रेस पार्टी ने जिलाध्यक्षों के कार्यों की निगरानी के साथ-साथ पार्टी जिला कार्यकारिणी के लिए भी नया फॉर्मेट तैयार किया है। इस फॉर्मेट के तहत, पदाधिकारियों की संख्या सीमित की जाएगी ताकि कार्यकारिणी एक छोटी और अधिक प्रभावी इकाई बने। यह नियुक्तियां ऑब्जर्वर की निगरानी में की जाएंगी, न कि सीधे तौर पर, जिससे पार्टी के अंदर अधिक पारदर्शिता और नियंत्रण सुनिश्चित किया जा सके।

रिपोर्टिंग ऐप लाने के पीछे की वजह

मप्र कांग्रेस कमेटी के संगठन महामंत्री संजय कामले ने बताया कि यह रिपोर्टिंग ऐप न केवल जिलाध्यक्षों की कार्यप्रणाली पर नजर रखेगा, बल्कि उनके कार्यों की गति को भी ट्रैक करेगा। इसके माध्यम से जिलाध्यक्षों को नए कार्यों और टास्क भी सौंपे जाएंगे।

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नए टास्क और जिम्मेदारियों का वितरण

रिपोर्टिंग ऐप का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि इसे जिलाध्यक्षों के कामकाज को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए नए टास्क सौंपने के लिए भी इस्तेमाल किया जाएगा। यह टास्क सिस्टम जिलाध्यक्षों के कार्यों को प्राथमिकता देने में मदद करेगा और उन्हें अपनी जिम्मेदारियों को समय पर पूरा करने के लिए प्रेरित करेगा।

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FAQ

1. क्या मध्य प्रदेश कांग्रेस ने जिलाध्यक्षों की निगरानी के लिए कौन सा नया कदम उठाया है?
मध्य प्रदेश कांग्रेस पार्टी ने जिलाध्यक्षों की निगरानी के लिए एक रिपोर्टिंग एप लॉन्च किया है। इस एप का उद्देश्य जिलाध्यक्षों के कामकाज की गुणवत्ता और कार्यशीलता को ट्रैक करना है। जिलाध्यक्षों को रोजाना इस एप पर अपने कार्यों की जानकारी अपलोड करनी होगी, जिससे उनकी कार्यक्षमता का मूल्यांकन किया जा सकेगा।
2. रिपोर्टिंग एप से कांग्रेस पार्टी को क्या लाभ होगा?
रिपोर्टिंग एप से कांग्रेस पार्टी को जिलाध्यक्षों की कार्यप्रणाली पर पारदर्शिता और नियंत्रण मिलेगा। यह एप पार्टी के अंदर बेहतर संगठनात्मक ढांचे की दिशा में एक कदम होगा। इसके जरिए पार्टी अपने जिलाध्यक्षों के प्रदर्शन को बेहतर तरीके से मॉनिटर कर सकेगी और जरूरत पड़ने पर उन्हें नए टास्क भी दे सकेगी।
3. क्या यह रिपोर्टिंग एप अन्य राज्यों में भी लागू किया जाएगा?
यदि मप्र में यह एप सफल रहता है, तो इसे अन्य राज्यों में भी लागू किया जा सकता है। ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) ने इस एप के सफल परीक्षण के बाद इसे पूरे देशभर में लागू करने की संभावना जताई है। इससे अन्य राज्यों के जिलाध्यक्षों के कामकाज की निगरानी भी प्रभावी तरीके से की जा सकेगी।

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