MP स्कूल शिक्षा विभाग की सख्ती, जर्जर भवनों में क्लास लगी तो शिक्षकों और DEO नपेंगे

स्कूल शिक्षा विभाग ने जर्जर भवनों में कक्षाएं चलने पर सख्त चेतावनी दी है। अगर हादसा हुआ तो शिक्षक से डीईओ तक पर कार्रवाई होगी। जिलों को तत्काल रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए गए हैं।

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Rohit Sahu
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मध्य प्रदेश में 45 दिन की गर्मी की छुट्टियों के बाद 16 जून से स्कूल खुल चुके हैं। स्कूल शिक्षा विभाग ने 2 जून से शिक्षकों को स्कूल पहुंचकर सफाई और मरम्मत कार्य पूरा करने के निर्देश दिए थे। बावजूद इसके कई स्कूलों की स्थिति अब भी चिंताजनक है। कहीं शौचालय टूटा पड़ा है, कहीं छत टपक रही है और दीवारों में दरारें बनी हैं। अब स्कूल शिक्षा विभाग ने जर्जर स्कूल भवनों की रिपोर्ट मांगी।

एमपी में 94 हजार सरकारी स्कूल

प्रदेशभर में करीब 94 हजार सरकारी स्कूल हैं, जिनमें करोड़ों बच्चे पढ़ते हैं। मानसून की दस्तक के बाद इन भवनों की हालत खतरे की घंटी बन सकती है। इसे देखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि जर्जर भवनों में किसी भी हाल में कक्षाएं संचालित नहीं की जाएंगी।

डीईओ पर कार्रवाई होगी

यदि ऐसे भवनों में क्लास लगती हैं और कोई दुर्घटना होती है, तो स्कूल के शिक्षक से लेकर डीईओ तक की जवाबदेही तय की जाएगी। इस संबंध में लोक शिक्षण के संयुक्त संचालक नीरव दीक्षित ने रीवा संभाग के सतना, सिंगरौली और सीधी जिलों के डीईओ और परियोजना समन्वयकों को पत्र लिखकर निर्देश दिए हैं।

स्कूलों का शुरू हुआ सर्वे

पत्र मिलते ही जिलों के डीईओ और परियोजना समन्वयकों ने मैदानी अमले को स्कूलों का सर्वे करने के निर्देश जारी कर दिए। प्राचार्यों और निर्माण शाखा के इंजीनियरों की मदद से रैना और मऊगंज जैसे इलाकों में निरीक्षण का कार्य शुरू हो गया है। संभागायुक्त ने अधिकारियों को चेतावनी दी है कि यदि बच्चों की सुरक्षा में किसी तरह की लापरवाही पाई जाती है, तो संबंधित शिक्षक और अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

बीते साल की घटना से सबक

बीते वर्ष एक निजी स्कूल के पास बने जर्जर भवन के गिरने से चार बच्चों की मौत हो गई थी, जिनमें से तीन एक ही परिवार से थे। यह हादसा तब हुआ जब बच्चे स्कूल से छुट्टी के वक्त बाहर निकल रहे थे। यह स्ट्रक्चर स्कूल परिसर के बाहर था, लेकिन इस घटना ने व्यवस्था की खामियों को उजागर कर दिया। अब ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए बरसात से पहले ही प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है।

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सुरक्षा से कोई समझौता नहीं

संभागायुक्त ने स्पष्ट कहा है कि बच्चों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होगा। सभी जिलों के शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि जर्जर भवनों में तुरंत कक्षाएं रोकी जाएं और वैकल्पिक व्यवस्था की जाए। विभाग स्थिति की निरंतर समीक्षा करता रहेगा।

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