MP News: मध्य प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग ने एमपी ट्रांसफर नीति में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। संशोधित आदेश के तहत 7 से 16 जून 2025 तक तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के स्थानांतरण प्रभारी मंत्री के अनुमोदन के बाद जिला कलेक्टर के माध्यम से होंगे। इनमें प्राथमिक शिक्षक, सहायक शिक्षक, विज्ञान शिक्षक, लिपिक और भृत्य शामिल हैं।
सभी ट्रांसफर आदेश केवल एजुकेशन पोर्टल 3.0 से ऑनलाइन जारी होंगे। किसी भी आदेश को ऑफलाइन जारी करने की अनुमति नहीं है। 10 से कम नामांकन वाले स्कूलों में किसी भी शिक्षक का ट्रांसफर नहीं होगा। पारस्परिक स्थानांतरण केवल समान पद और विषय के आधार पर किए जाएंगे। यह कदम ट्रांसफर प्रक्रिया में पारदर्शिता और कुशल प्रशासन सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
ये खबर भी पढ़िए... MP पंचायत विभाग में 72 अधिकारियों का तबादला, रेप के आरोपी समेत 26 जनपद पंचायत CEO का ट्रांसफर
स्थानांतरण की नई व्यवस्था
प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग ने 2022 की स्थानांतरण नीति में बदलाव किया है। अब प्रशासकीय स्थानांतरण से जुड़े अधिकार 7 से 16 जून 2025 तक जिला स्तर पर प्रभारी मंत्री को सौंपे गए हैं। इसका मतलब है कि तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों का ट्रांसफर प्रभारी मंत्री के अनुमोदन के बिना नहीं होगा।
ये खबर भी पढ़िए... IPS ट्रांसफर : अमित तोलानी, शिवदयाल और राजीव कुमार कंचन लौटेंगे मध्यप्रदेश
जिला कलेक्टर की निगरानी ट्रांसफर
संशोधित निर्देशों के अनुसार, स्थानांतरण प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल होगी। एजुकेशन पोर्टल 3.0 पर जिला कलेक्टर की लॉगिन से अनुमोदन के बाद आदेश जिला शिक्षाधिकारी के डिजिटल हस्ताक्षर से ही जारी होंगे। कोई भी आदेश ऑफलाइन या मैनुअल तरीके से मान्य नहीं होगा। यह पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
ये खबर भी पढ़िए... सरकार ने दी नई तबादला नीति को मंजूरी, 14 जून से शुरु होंगे ट्रांसफर, 6 जून से लिए जाएंगे आवेदन
किन कर्मचारियों पर होगा असर?
यह संशोधन विशेष रूप से प्राथमिक शिक्षक, सहायक शिक्षक, विज्ञान शिक्षक, प्रधानाध्यापक प्राथमिक शाला, लिपिकीय वर्ग और भृत्य संवर्ग पर लागू होगा। इन कर्मचारियों का ट्रांसफर जिला स्तर पर होगा, लेकिन मंत्री और कलेक्टर की अनुमति के बाद।
ये खबर भी पढ़िए... Ladli Behna Yojana: लाड़ली बहना के खातों में 15 जून को आएगी 25वीं किस्त !
10 से कम नामांकन वाली शालाओं में ट्रांसफर नहीं
स्कूल शिक्षा विभाग के अनुसार, जिन शालाओं में विद्यार्थियों की संख्या 10 से कम है, वहां किसी शिक्षक का ट्रांसफर नहीं होगा। यह निर्णय ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में शिक्षा व्यवस्था को स्थिर बनाए रखने के लिए लिया गया है।
नीति संशोधन से क्या होगा असर?
इस संशोधन से ट्रांसफर प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी, राजनीतिक हस्तक्षेप सीमित होगा और स्कूलों की कार्यक्षमता में सुधार आएगा। पोर्टल के माध्यम से पूरी प्रक्रिया होने से रिकॉर्ड सुरक्षित रहेगा और भ्रष्टाचार की संभावनाएं भी घटेंगी।
अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, दोस्तों, परिवारजनों के साथ 🤝 शेयर करें
📢🔄 🤝💬👫👨👩👧👦