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दमोह के मिशन अस्पताल में हार्ट सर्जरी के बाद जिन सात मरीजों की मौत का दावा किया जा रहा है, उनमें से पांच की पहचान हो चुकी है। इस मामले में आरोपी डॉ. नरेंद्र यादव उर्फ डॉ. नरेंद्र जॉन केम के खिलाफ कोतवाली थाना में रविवार देर रात एफआईआर दर्ज की गई है। एफआईआर में दो अन्य लोगों को भी सह-आरोपी बनाया गया है।
फर्जी डॉक्टर बनकर मरीजों के हार्ट का ऑपरेशन करने वाले नरेंद्र विक्रमादित्य यादव उर्फ नरेंद्र जॉन केम की एमबीबीएस की डिग्री भी फर्जी पाई गई है। इस मामले की जांच दमोह सीएमएचओ कर रहे थे।
जांच रिपोर्ट दबाए बैठे थे दमोह सीएमएचओ
दरअसल फर्जी डॉक्टर द्वारा ऑपरेशन करने से 7 मरीजों की मौत के मामले में एक माह से सीएमएचओ जांच दबाए बैठे थे, लेकिन सोमवार को राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग की टीम आने की सूचना मिलने पर आनन-फानन में कोतवाली पहुंच गए। अपने प्रतिवेदन में उन्होंने बताया कि डॉक्टर नरेंद्र विक्रमादित्य यादव उर्फ नरेंद्र जॉन केम की एमबीबीएस की डिग्री फर्जी है। यह किसी महिला के नाम है।
कांग्रेस ने उठाए सवाल
अब इस मामले को लेकर कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने वीडियो शेयर करके BJP पर निशाना साधा है। फर्जी डॉक्टर पर बीजेपी से संरक्षण प्राप्त होने के भी कांग्रेस ने आरोप लगाए हैं। नरेंद्र यादव के सीएम योगी के साथ फोटो भी सामने आया है। सुनिए क्या बोलीं सुप्रिया..
दमोह में ‘फर्जी’ लंदन वाला डॉक्टर ने किए 15 ऑपरेशन, 7 मरीजों की मौत।
— TheSootr (@TheSootr) April 7, 2025
मध्य प्रदेश के दमोह जिले के मिशन अस्पताल में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां नरेंद्र विक्रमादित्य यादव नामक एक व्यक्ति ने खुद को लंदन के प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. जॉन कैम बताकर 15 हृदय सर्जरी कीं,… pic.twitter.com/LYM809lvm6
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग की टीम आज पहुंचेगी
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कोतवाली के अंदर बैठे सीएमएचओ जैन और क्लर्क का वीडियो सार्वजनिक किया। उन्होंने पोस्ट किया है कि सुबह हमारी टीम दमोह पहुंचने वाली है इससे पहले एफआईआर कराने पहुंचे हैं। दमोह के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. मुकेश जैन ने मृत मरीजों के परिजनों को पत्र लिखकर बयान देने के लिए बुलाया है। इन बयानों को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम दमोह सर्किट हाउस में दर्ज करेगी।
अस्पताल पर पहले भी लग चुके गंभीर आरोप
इससे पहले मिशन अस्पताल पर मानव तस्करी और जबरन धर्मांतरण जैसे गंभीर आरोप लग चुके हैं। अब यह दावा सामने आया है कि आरोपी नरेंद्र यादव ने खुद को लंदन के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. एनजोन केम बताकर फर्जीवाड़ा किया।
फर्जी डॉक्टर ने ऐसे किए ऑपरेशन
केस : 1 - बिना मिले ही बिल वसूला
पसारी अस्पताल के पास रहने वाले रिटायर्ड टीआई इस्त्राइल खां 74 की मिशन अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। उनके हॉर्ट का ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद उन्हें जो दवाएं दी गईं, उनसे उनकी तबियत बिगड़ गई और 17 जनवरी को इंतकाल हो गया। उनकी बड़ी बेटी शबाना परवीन ने बताया कि उन्होंने पिता को दो बार अस्पताल में भर्ती कराया था।
पिता को एक साथ 8 इंजेक्शनों का डोज दिया गया था। इंजेक्शन लगने के बाद वे दोबारा उठ नहीं पाए। उन्होंने बताया कि डॉक्टर एन जॉन केम उन्हें एक बार ही मिले। उसके बाद सारी दवाएं फोन पर लिखवाई जाती थीं और बिल वसूला जाता था।
कैस 2: मौत की वजह ही पता नहीं चली
गणेशपुरम निवासी सत्येंद्र सिंह राठौर पिता हामिर सिंह राठौर 45 सीमेंट फैक्टरी में रोपवे डिपार्टमेंट में नौकरी करता था। उसकी तबियत बिगड़ने पर बड़े भाई जितेंद्र राठौर सहित परिजन मिशन अस्पताल लेकर गए। इलाज के कुछ दिन बाद सत्येंद्र सिंह की मौत हो गई। परिवार में सत्येंद्र की पत्नी, बेटी और बेटा है। मौत की वजह अभी तक पता नहीं चला है। सारा इलाज डॉक्टर केम ने किया था।
केस 3: नस में रिंग डाला और हो गई मौत
शोभा नगर निवासी दसोंदा रैकवार 52 की तबियत बिगड़ने पर परिजन ने 16 जनवरी को मिशन अस्पताल में भर्ती कराया था। महिला के हॉर्ट में परेशानी थी। इस बीच पता चला कि नस में ब्लॉकेज है, इसलिए उन्हें रिंग डालने का सुझाव डॉक्टर ने दिया। उसी दिन शाम को रिंग डाला गया और शाम को 6.30 बजे महिला की मौत हो गई। परिजन समझ नहीं पाए कि आखिर रिंग डालने में कहां चूक हुई। अब जांच में इस मामले को शामिल किया गया है।
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कैसे हुआ खुलासा
यह मामला 4 अप्रैल को तब सामने आया, जब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए अस्पताल में 7 हार्ट पेशेंट्स की मौत और फर्जी डॉक्टर की जानकारी साझा की। दरअसल के खिलाफ मिली शिकायतों की जांच दमोह सीएमएचओ कर रहे थे। जांच में सामने आया कि डॉ. एनजोन केम के नाम पर अब तक 15 हार्ट ऑपरेशन किए। जिनमें से 7 मरीजों की मौत हो गई। जैसे ही जांच शुरू हुई, खुद को कार्डियोलॉजिस्ट बताने वाला आरोपी डॉक्टर फरार हो गया।
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