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मध्य प्रदेश के दमोह जिले के प्रतिष्ठित मिशन अस्पताल में करीब एक महीने के भीतर 7 मरीजों की मौत हो गई। इन मौतों के पीछे एक डॉक्टर को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है, जिस पर फर्जी होने का आरोप है। फर्जी डॉक्टर ने ढाई महीने के भीतर 15 लोगों की हार्ट सर्जरी की थी। जिसमें से 7 ने जान गंवा दी। फर्जी डॉक्टर खुद को कार्डियोलॉजिस्ट बताकर मरीजों की हार्ट सर्जरी कर रहा था।
ब्रिटिश कार्डियोलॉजिस्ट के नाम पर ली नौकरी
जांच में सामने आया कि आरोपी डॉक्टर ने ब्रिटेन के प्रसिद्ध कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. एन जोन केम के नाम पर फर्जी दस्तावेज बनाकर अस्पताल में नौकरी हासिल की। दावा है कि बिना किसी अनुभव के उसने हार्ट के 15 ऑपरेशन किए, जिसमें से सात मरीजों की जान चली गई।
दीपक तिवारी ने उजागर किया पूरा मामला
बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष और एडवोकेट दीपक तिवारी ने इस पूरे मामले का खुलासा किया और कलेक्टर को शिकायत सौंपी। उनके अनुसार, उन्होंने जिन सात मौतों का उल्लेख शिकायत में किया था, उनकी पुष्टि जांच के दौरान हुई है। तिवारी का दावा है कि असली आंकड़ा इससे कहीं ज्यादा हो सकता है।
असली डॉक्यूमेंट में दूसरा नाम
कलेक्टर के निर्देश पर गठित जांच समिति ने अस्पताल से संबंधित दस्तावेज जब्त किए। इनमें आरोपी डॉक्टर द्वारा जमा की गई डिग्रियां और प्रमाणपत्र शामिल हैं। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि वह असली डॉक्टर एन जोन केम नहीं हैं, बल्कि उसका असली नाम नरेंद्र विक्रमादित्य यादव है। जांच में पता चला कि आरोपी पहले नरसिंहपुर के एक अस्पताल में काम करता था। वहां से हटने के बाद उसने दमोह के मिशन अस्पताल में नौकरी हासिल की।
ऐसे हुआ खुलासा
दीपक तिवारी के अनुसार, इस मामले की जानकारी उन्हें तब मिली जब एक युवक ने उनसे संपर्क किया। युवक के दादा को हार्ट प्रॉब्लम थी, और वो उन्हें लेकर मिशन अस्पताल पहुंचा। लेकिन डॉक्टर पर शक होने पर उसने सच्चाई की पड़ताल की, और पता चला कि डॉक्टर फर्जी है। इसके बाद उसने मिशन अस्पताल में इलाज नहीं कराया और जबलपुर जाकर इलाज कराया। इसके बाद डॉक्टर की शिकायत की गई।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सरकार को घेरा
मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि “रक्षक ही भक्षक बन रहे हैं और सरकार मूक दर्शक बनी हुई है।” उन्होंने फर्जी डिग्रियों के सहारे चल रहे सिस्टम पर सवाल उठाए और राज्य सरकार की कार्यप्रणाली पर गंभीर आरोप लगाए।
रक्षक ही बन रहे भक्षक, सरकार बन गई मूक दर्शक!
— Umang Singhar (@UmangSinghar) April 5, 2025
दमोह के मिशन अस्पताल में संदिग्ध रूप से ऑपरेशन के बाद सात मरीजों की मौत हो गई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार यहां फर्जी डॉक्टर ने लंदन के डॉक्टर एनकेम जॉन के नाम से नौकरी की। इस दौरान हार्ट पेशेंट की सर्जरी की। इनमें से सात मरीजों… pic.twitter.com/ri3O0NWRfH
अब मानव अधिकार आयोग की टीम करेगी जांच
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो ने कहा है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए आयोग की एक टीम दमोह भेजी जाएगी। अस्पताल प्रबंधन और दस्तावेजों की गहन जांच की जाएगी।
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