मध्य प्रदेश में संपत्ति की रजिस्ट्री ( Property Registry ) कराने की प्रक्रिया में अब बड़ी सुविधा मिलने जा रही है। नए नियमों के तहत, रजिस्ट्री के लिए अब गवाह लाने की जरूरत नहीं होगी। इसके साथ ही, पंजीकरण के लिए उप पंजीयक कार्यालय में उपस्थित होने की भी अनिवार्यता नहीं रहेगी। ई-केवाईसी ( e-KYC ) के जरिए खरीदार और विक्रेता की पहचान सुनिश्चित की जाएगी। यह नई प्रणाली प्रदेश के सभी 55 जिलों में गुरुवार यानी कल से ही लागू हो जाएगी।
इस प्रक्रिया को पूरी तरह से डिजिटल बनाने के लिए सीएम डॉ. मोहन यादव ( Chief Minister Dr. Mohan Yadav ) गुरुवार को 'संपदा-2' सॉफ्टवेयर ( Sampada-2 Software ) और इसका विशेष मोबाइल एप लॉन्च करेंगे। इस सॉफ्टवेयर की मदद से संपत्ति की जीआईएस मैपिंग, बायोमैट्रिक पहचान, और दस्तावेजों की फॉर्मेटिंग स्वत: होगी, जिससे रजिस्ट्री प्रक्रिया में तेजी और पारदर्शिता आएगी।
सफल रहा है पायलट प्रोजेक्ट
गुना, हरदा, डिंडौरी, और रतलाम जिलों में इस नई प्रणाली का पायलट प्रोजेक्ट सफल रहा है। वित्त और वाणिज्य कर मंत्री जगदीश देवड़ा ( Jagdish Deora ) के अनुसार, इस प्रणाली में ई-साइन और डिजिटल सिग्नेचर का उपयोग कर दस्तावेजों का निष्पादन किया जाएगा। दस्तावेजों के लिए व्यक्तिगत उपस्थिति की आवश्यकता नहीं होगी और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पंजीयन अधिकारी से संपर्क किया जा सकेगा।
वीडियो केवाईसी की सुविधा
व्यक्ति की पहचान के लिए वीडियो केवाईसी की सुविधा उपलब्ध होगी। पंजीकृत दस्तावेजों की ई-कॉपी डिजी लॉकर, वॉट्सएप और ई-मेल के माध्यम से आसानी से प्राप्त की जा सकेगी। ई-स्टाम्प की सुविधा के साथ, संपत्ति सर्च की प्रक्रिया को भी सरल और सुगम बनाया गया है।
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