MP Promotion News 2025: सरकार के इस कदम से 5 लाख कर्मचारियों को प्रमोशन में मिलेगा फायदा

एमपी में सरकारी कर्मचारियों की पदोन्नति मामले में अब तेजी आई है। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुए प्रमोशन प्रक्रिया को पुनः प्रारंभ करने की दिशा में काम शुरू कर दिया है।

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Sandeep Kumar
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MP News: मध्य प्रदेश सरकार ने लगभग 5 लाख से अधिक कर्मचारियों की लंबित पदोन्नति को लेकर नई पहल की है। सीएम मोहन यादव की अगुवाई में सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुए प्रमोशन प्रक्रिया को पुनः शुरू किया है। यह कदम राज्य के कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत माना जा रहा है।

लंबे समय से रुकी थी पदोन्नति प्रक्रिया

राज्य में कई कर्मचारी जैसे पटवारी, शिक्षक, स्वास्थ्यकर्मी और पुलिसकर्मी कई वर्षों से बिना पदोन्नति के एक ही पद पर कार्यरत हैं। कर्मचारियों ने लंबे समय से योग्यतानुसार पदोन्नति की मांग की थी, जो अब पूरी होने जा रही है।

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प्रमोशन में वर्टिकल रिजर्वेशन 

सरकार की योजना के अनुसार, कर्मचारियों का प्रमोशन वर्टिकल रिजर्वेशन के आधार पर किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के मानकों के अनुरूप इस प्रक्रिया को सुनिश्चित किया जा रहा है ताकि सभी वर्गों के कर्मचारियों को न्याय मिले।

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पदोन्नति में आरक्षण

तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के महामंत्री उमाशंकर तिवारी ने बताया कि पूर्व नियमों के तहत कुछ कर्मचारियों को कई बार पदोन्नति मिली है, जबकि कुछ अभी भी पदोन्नति के लिए पात्र हैं। साथ ही, सपाक्स के प्रदेश अध्यक्ष केएस तोमर ने कहा कि पदोन्नति में आरक्षण के दौरान क्रीमी लेयर को अलग करना अनिवार्य है, जैसा सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है।

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1 लाख से अधिक कर्मचारी हो चुके रिटायर

पदोन्नति प्रक्रिया पिछले 9 सालों से रुकी हुई थी, जिससे 1 लाख से अधिक कर्मचारी रिटायर हो चुके हैं। 2002 में आरक्षण के प्रावधान के कारण केवल आरक्षित वर्ग के कर्मचारियों को पदोन्नति मिली थी। बाद में इस नियम को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने प्रमोशन को स्थगित कर दिया था।

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चुनावी माहौल में सरकार की रणनीति

मोहन यादव सरकार का यह कदम आगामी विधानसभा चुनाव 2028 और निकाय चुनावों की तैयारी के तहत भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। कर्मचारियों की नाराजगी को दूर करना किसी भी सरकार के लिए आवश्यक होता है, इसलिए यह पहल कर्मचारियों को साधने की रणनीति भी लगती है।

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