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मध्यप्रदेश में किसानों की सोयाबीन फसल इस बार कीटनाशक दवा की चपेट में आकर बर्बाद हो गई। किसानों ने आरोप लगाया कि उन्होंने खरपतवार नष्ट करने के लिए नई दिल्ली की एचपीएम (Hindustan Pulverizing Mills) केमिकल एंड फर्टिलाइजर कंपनी का बायोक्लोर खरपतवार नाशक इस्तेमाल किया था, लेकिन छिड़काव के कुछ ही दिनों बाद उनकी पूरी फसल सूखकर नष्ट हो गई। किसान की शिकायत केंद्रीय मंत्री शिवराजसिंह चौहान तक पहुंची थी। उन्होंने जांच के आदेश दिए थे। उसके बाद अब लसूड़िया थाने में एफआईआर हुई है।
केंद्रीय मंत्री ने किया था निरीक्षण
देवास जिले के कन्नौद क्षेत्र और इंदौर के सांवेर क्षेत्र में दर्जनों किसानों की फसल चौपट हो चुकी है। कई प्रभावित किसान कंपनी के खिलाफ पहले ही पुलिस में शिकायत दर्ज करा चुके हैं। वहीं विदिशा जिले में खुद केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खेतों का औचक निरीक्षण कर किसानों से उनकी पीड़ा सुनी।
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सांवेर के किसानों का यह है मामला
सांवेर क्षेत्र के किसान जितेंद्र परमार ने बताया कि उसने कुल 38 बीघा में सोयाबीन बोया था और 7 जुलाई को इंदौर के देवधर कॉम्प्लेक्स से बायोक्लोर खरीदा था। छिड़काव के बाद सारी फसल नष्ट हो गई। किसान का कहना है कि शिकायत के बाद ग्राम सेवक और पटवारी ने पंचनामा बनाया, कृषि विशेषज्ञों ने भी मुआयना किया और एसडीएम को रिपोर्ट दी, लेकिन कंपनी का कोई प्रतिनिधि अब तक खेत देखने तक नहीं आया। किसान नेता हंसराज मंडलोई ने बताया कि सांवेर क्षेत्र के कई और किसानों कमल, धर्मेंद्र, मिथुन आदि की फसल इसी दवा से बर्बाद हो चुकी है।
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कन्नौद क्षेत्र में दर्ज हुई FIR
कन्नौद ब्लॉक के पीपल्दा, मथनी, काटकूट और गुदभेल गांवों के किसानों ने भी फसल खराब होने की शिकायत की। कलेक्टर ऋतुराज सिंह के निर्देश पर जांच के बाद नई दिल्ली स्थित एचपीएम कंपनी के मालिक केडी अग्रवाल समेत छह लोगों के खिलाफ कीटनाशक अधिनियम 1968 और भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत FIR दर्ज की गई है। जांच में सामने आया कि कंपनी ने किसानों को खरपतवार नाशक दवा के उपयोग की सही जानकारी नहीं दी थी, जिससे बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ।
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किसानों की मांग
किसानों का कहना है कि खराब कीटनाशक से न केवल उनकी मेहनत और लागत बर्बाद हुई है, बल्कि उनकी सालभर की आजीविका भी प्रभावित हो गई है। किसान संगठनों ने प्रशासन और सरकार से मुआवजे की मांग की है।