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मध्यप्रदेश सरकार द्वारा लोक परिवहन सेवाओं को प्रदेश में प्रभावी रूप से लागू करने की दिशा में कई कदम उठाए जा रहे हैं। इंदौर और उज्जैन संभागों में चल रही परिवहन सेवाओं से जुड़ी योजनाओं के पहले चरण का सर्वे अब लगभग पूरा हो चुका है। इस सर्वे के दौरान जो मार्ग चुने गए थे, उन्हें अब फाइनल किया जा रहा है। परिवहन विभाग द्वारा इस कार्य में तेजी लाई गई है ताकि जल्द ही इन मार्गों पर सरकारी बसें दौड़ने लगे और लोग इस सुविधा का लाभ उठा सकें।
अगले चरण में जबलपुर और सागर संभाग की बारी
सर्वे के अगले चरण में जबलपुर और सागर संभागों के जिलों में भी सार्वजनिक परिवहन सेवा को लेकर सर्वे शुरू किया जाएगा। यह कार्य मई के अंत तक प्रारंभ हो जाएगा। सर्वे का मुख्य फोकस उन क्षेत्रों पर रहेगा जहां अभी तक कोई सार्वजनिक परिवहन सेवा उपलब्ध नहीं है। इसके साथ ही नए बस रूट को चिह्नित करने का काम भी किया जाएगा।
परिवहन कंपनियों का गठन
परिवहन विभाग ने इस कार्य को और प्रभावी बनाने के लिए आठ नई परिवहन कंपनियों के गठन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। इन कंपनियों की स्थापना से लोक परिवहन सेवाओं में सुधार होगा और यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। इन कंपनियों के अस्तित्व में आने के बाद ही टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी और बसों की सवारी शुरू हो सकेगी।
मई के अंत तक शुरू होगा
जबलपुर और सागर संभागों में सर्वे कार्य मई के अंत तक शुरू हो जाएगा। इन संभागों में परिवहन सेवा विहीन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके बाद इन क्षेत्रों में बस रूटों की पहचान की जाएगी ताकि सरकार को इसके बारे में पूरी जानकारी मिल सके और सेवा शुरू की जा सके।
प्रमुख कार्यों में इन बदलावों की संभावना
सर्वे का विस्तार – अब तक जो सर्वे सीमित क्षेत्रों में हुआ था, अब उसका दायरा बढ़ाया गया है। यह कदम इस उद्देश्य से उठाया गया है ताकि प्रदेश के हर हिस्से तक लोक परिवहन सेवाओं का लाभ पहुंच सके।
कंपनियों का गठन – कंपनियों के गठन का कार्य अलग-अलग अफसरों को सौंपा गया है ताकि यह प्रक्रिया तेजी से पूरी हो सके। इस कार्य के लिए संगठनात्मक ढांचे का निर्माण भी किया जा रहा है।
सीएम द्वारा निर्देश – मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार, रोड ट्रांसपोर्ट निगम की पुराने और निष्क्रिय संपत्तियों की जांच की जा रही है ताकि इन्हें नए रूप में परिवहन सेवाओं में उपयोग किया जा सके।
सुझाव प्रक्रिया – यात्रियों से उनकी राय ली जा रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जो मार्ग तय किए जा रहे हैं, वे वास्तविक जरूरतों के अनुरूप हों।
समिति गठन – जिले स्तर पर समितियों का गठन किया जाएगा, जिसमें कलेक्टर, सांसद, विधायक, महापौर, और अन्य स्थानीय अधिकारी शामिल होंगे। इन समितियों का मुख्य उद्देश्य यात्रियों की सुविधाओं का ध्यान रखना होगा।
समिति में शामिल होंगे ये लोग
कलेक्टर
सांसद और विधायकगण
महापौर और नगर पालिका अध्यक्ष
जनपद पंचायत और नगर परिषद अध्यक्ष
आयुक्त नगर निगम
सीईओ, जिला व जनपद पंचायत
पीडब्ल्यूडी के कार्यपालन यंत्री
कार्यपालन यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा
इससे क्या फायदा होगा?
मार्गों का अंतिम रूप – समितियां मार्गों को फाइनल करने में मदद करेंगी और यदि आवश्यकता पड़ी तो मार्गों में बदलाव भी किए जा सकते हैं।
सुविधाओं की बढ़ोतरी – बस स्टॉप, चार्जिंग स्टेशन और बस की फ्रीक्वेंसी में सुधार के लिए सुझाव लिए जाएंगे, ताकि यात्रियों को बेहतर अनुभव हो सके।
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