एमपी के कर्मचारियों की समग्र आईडी होगी बैंक खातों और आधार से लिंक

मध्यप्रदेश में सरकारी कर्मचारियों के वेतन-भत्तों को समग्र आईडी से जोड़ने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। फरवरी 2025 तक डेटा सत्यापन का काम पूरा होगा।

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Jitendra Shrivastava
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मध्य प्रदेश सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के वेतन और भत्तों को समग्र आईडी (Samagra ID) से जोड़ने के निर्देश दिए हैं। फरवरी 2025 तक इस प्रक्रिया को पूरा करने का लक्ष्य है। समग्र आईडी को बैंक खातों और आधार से लिंक किया जाएगा ताकि सभी डेटा का सत्यापन और इंटीग्रेशन संभव हो सके।

वेतन और भत्तों से जुड़ेगी आईडी

एमपी सरकार के कर्मचारियों के वेतन-भत्तों को Samagra ID से जोड़ने की तैयारी की जा रही है। वित्त विभाग ने कहा है कि प्रदेश के हर कर्मचारी और अधिकारियों का डेटा समग्र आईडी से इंटीग्रेट होना चाहिए। इस काम को फरवरी 2025 तक पूरा करने का टारगेट है। वित्त विभाग ने निर्देश दिए हैं कि हर एंट्री का वैरिफिकेशन करना होगा। साथ ही कर्मचारियों की Samagra ID बनाने के भी निर्देश दिए गए हैं। 

वेतन वाले बैंक खातों से भी जोड़ा जाएगा

वित्त विभाग ने निर्देश दिए हैं कि Samagra ID को कर्मचारियों के वेतन वाले बैंक खातों से भी जोड़ा जाएगा। सभी सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों के डेटा का सत्यापन इंटीग्रेटेड फाइनेंशियल मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम (IFMS) के तहत समग्र आईडी से किया जाएगा। आने वाले समय में शासकीय सेवकों का वेतन भुगतान आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम (एईपीएस) के माध्यम से होगा। वित्त विभाग ने IFMS में समग्र आईडी की एंट्री सुविधा प्रारंभ कर दी है। सभी शासकीय कर्मचारियों को IFMS में एम्प्लाई सेल्फ सर्विस प्रोफाइल से समग्र आईडी की एंट्री कर वैरिफिकेशन करना होगा।

संविदा कर्मियों और दैवेभो की भी बनेगी आईडी

वित्त विभाग ने निर्णय लिया है कि कर्मचारियों के डेटा के Samagra ID से सत्यापन के पहले चरण में नियमित शासकीय सेवकों के लिए Samagra ID की एंट्री की कार्यवाही होगी। दूसरे चरण में दैनिक वेतनभोगी, मानदेय और संविदा कर्मियों का भी सत्यापन और आधार से लिंक किया जाएगा। इसके लिए समग्र पोर्टल से संबंधित सहयोग, सहायता के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने निर्देश जारी कर दिए हैं।

EKYC से नकली Samagra ID हटाएंगे 

सरकार का मानना है कि प्रदेश में 10.5 करोड़ समग्र आईडी है इनमें से लाखों डुप्लीकेट हैं। यह तभी सही हो सकेंगे जब समग्र आईडी की ईकेवाईसी हो। ऐसा करने पर ही डुप्लीकेट को हटाना संभव हो सकेगा। इसलिए Samagra ID की ईकेवाईसी होना जरूरी है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने इसमें कहा कि 30 जुलाई से 30 सितंबर तक प्रदेश में विशेष ई केवाईसी अभियान चलाया है। इसमें सभी जिलों में समग्र पोर्टल पर नागरिकों के समग्र आईडी का आधार से ईकेवाईसी कराया जाना था। इस अभियान के बाद भी प्रदेश में कुल 43.2 प्रतिशत नागरिकों के अभी तक eKYC कराए जा सके हैं। प्रदेश में सभी विभागीय योजनाओं और सेवाओं में ईकेवाईसी और समग्र आईडी को अनिवार्य किया है। ऐसा नहीं होने पर योजनाओं और सेवाओं का लाभ मिलना बंद हो जाएगा।

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