BHOPAL. मध्य प्रदेश के नदी, तालाबों और नहरों में डूबने की बढ़ रही घटनाओं से सरकार चिंतित है। लोगों को डूबने से बचाने के लिए संवेदनशील जगहों पर पिकनिक आदि मनोरंजन गतिविधियों को सरकार प्रतिबंधित करने जा रही है। ऐसे में अब ऐसे जलग्रहण क्षेत्रों की निगरानी बढ़ाई जाएगी। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने सभी जिला कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को इस बारे निर्देश जारी कर दिए हैं।
जल संग्रहण क्षेत्रों की निगरानी की जाएगी
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कहा है कि प्रदेश के अलग-अलग जिलों के जलग्रहण क्षेत्रों में लोगों के डूबने की घटनाओं की सूचना ज्यादा मिल रही है। ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिए जिले के सभी डेम, तालाब, झील, खनन द्वारा रिक्त हुए तालाबनुमा संरचना और अन्य जल संग्रहण क्षेत्रों की निगरानी की व्यवस्था की जाएगी।
वैधानिक कार्रवाई भी की जाएगी
डूब की घटनाएं रोकने के लिए तहसील स्तर पर इंसीडेंट रिस्पॉन्स टीम का गठन किया जाएगा। ऐसी दुर्घटना वाली जगहों पर लाइफगार्ड, गोताखोर, मोटरबोट, लाइफ जैकेट आदि की व्यवस्था की जाएगी। मानसून के दौरान प्रदेश में ऐसी जगहों को प्रतिबंधित घोषित किया जाएगा। इसके बाद भी यदि लोग नहीं मानते हैं, तो उनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
रेस्क्यू की स्थिति से बचने इंतजाम किए जाएं
बारिश से समय जलसंग्रहण क्षेत्रों के आस-पास पिकनिक स्पॉट, फिशिंग स्पॉट आदि मनोरंजन स्थलों पर लोगों को जाने से रोकने की विशेष व्यवस्था की जाएगी। धार्मिक कार्यक्रम वाले नदी और घाटों पर चेतावनी बोर्ड लगाए जाएंगे। बांधों से पानी छोड़ने के दौरान घाटों पर लोगों को जाने से प्रतिबंधित किया जाएगा। प्राधिकरण ने यह भी कहा है कि पानी से घिर जाने पर इन्हें एयर लिफ्ट के माध्यम से रेस्क्यू करने की स्थिति न बने। इसलिए इसके पहले ही बेहतर इंतजाम कर लिए जाएं।
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