मध्यप्रदेश सरकार अब बड़ा बदलाव करने जा रही है, जिससे सरकारी विभागों को जमीन से जुड़े कामों में आसानी होगी। इसके लिए मोहन सरकार टाउन एंड कंट्री प्लानिंग (टीएंडसीपी) की धारा-66 में बदलाव करने की योजना पर काम कर रही है। यह बदलाव सरकारी विभागों को सीधे किसी इलाके को 'विशेष क्षेत्र' घोषित करके जमीन के विकास से जुड़े प्रोजेक्ट्स शुरू करने का अधिकार देगा। अभी तक ये अधिकार टीएंडसीपी के पास थे। इस वजह से जमीन के अधिग्रहण या विकास में कई बार देरी होती थी। अब नए बदलाव से टीएंडसीपी की मंजूरी की जरूरत नहीं होगी और विभाग खुद ही यह काम कर सकेंगे।
ईस्टर्न बायपास को चुना
इस बदलाव की शुरुआत के लिए बतौर पायलेट प्रोजेक्ट इंदौर क्षेत्र में प्रस्तावित 40 किलोमीटर लंबी सड़क को चुना गया है। इस प्रोजेक्ट को ईस्टर्न बायपास नाम दिया गया है। यह काम मध्यप्रदेश रोड ट्रांसपोर्ट डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (Madhya Pradesh Road Development Corporation) को करना है। यह सड़क खंडवा रोड से शुरू होकर देवास होते हुए 40 किलोमीटर के दायरे में बनाई जाएगी, जो उज्जैन रोड को कनेक्ट करेगी। इस क्षेत्र में खेड़ा, सनावदिया, निपानिया, कनाड़िया और लसूड़िया जैसे क्षेत्र आ रहे हैं। इन्हें मिलाकर अब एक विशेष क्षेत्र बनाया गया है। लैंड पुलिंग के तहत MPRDC इस सड़क के दायरे में आने वाली जमीनों को किसानों से लेकर उन्हें पूरा क्षेत्र डेवलप करके देगा। इससे किसानों को काफी फायदा होगा।
लैंड पुलिंग पॉलिसी समझ लीजिए
लैंड पुलिंग ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें किसी खास प्रोजेक्ट के लिए जमीन को छोटे-छोटे मालिकों से लिया जाता है। जमीन मालिकों को मुआवजे के बजाय उन्हें विकसित जमीन का हिस्सा दिया जाता है। उदाहरण के लिए, अगर सड़क बनाने के लिए जमीन ली गई है तो सड़क बनने के बाद आसपास की जमीन का विकास किया जाता है। इसके बाद मालिकों को डेवलप्ड जमीन दी जाती है, जिसका उसकी कीमत कई गुना बढ़ जाती है। यह तरीका किसानों और जमीन मालिकों दोनों के लिए फायदेमंद होता है, क्योंकि इससे न केवल उनकी जमीन की कीमत बढ़ जाती है, बल्कि उन्हें मुआवजा लेने की मजबूरी भी नहीं होती।
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सरकार जल्द करेगी बदलाव
इस बदलाव से विभाग सीधे 'विशेष क्षेत्र' घोषित करके निर्माण कार्य शुरू कर सकेंगे। इससे मंजूरी की प्रक्रिया में लगने वाला समय बचेगा। अब जमीन लेने के बजाय उसे विकसित कर मालिकों को वापस देना संभव होगा। मुआवजे के लिए झगड़े या जमीन अधिग्रहण से जुड़े विवाद कम होंगे। टीएंडसीपी की धारा 66 लैंड पुलिंग का अधिकार देती है। अब इसमें बदलाव होने के बाद यह अधिका सीधे विभाग को मिल जाएगा। जल्द ही यह मामला कैबिनेट बैठक में लाया जाएगा, यहां से स्वीकृति के बाद इसे अगले बजट सत्र में पास करने की तैयारी है। दूसरा, संभव है कि सरकार इसके लिए अध्यादेश भी ला सकती है।
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