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इंदौर में शुक्रवार को आयोजित “एमपी ग्रोथ कॉन्क्लेव 2025” के अंतर्गत “ओवरव्यू ऑफ अर्बन पॉलिसीज एंड इन्वेस्टमेंट ऑपर्च्युनिटीज” विषय पर केंद्रित सत्र में मध्यप्रदेश में शहरी विकास और निवेश की संभावनाओं पर गंभीर चर्चा हुई। राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस दौरान इन्वेस्टर्स को यह भरोसा दिलाया कि मध्यप्रदेश अब निवेश के लिए देश के सबसे उपयुक्त स्थलों में शामिल हो चुका है। उन्होंने बताया कि लगभग 15700 करोड़ की लागत वाले 93 बड़े प्रोजेक्ट्स के लिए पारदर्शी प्रक्रिया के तहत ऑनलाइन निविदाएं जल्द ही जारी की जाएंगी।
एमपी सरकार की नीतियां बना रही निवेश का भरोसेमंद माहौल
सत्र को संबोधित करते हुए नगरीय विकास एवं आवास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय दुबे ने कहा कि “मध्यप्रदेश सरकार की पारदर्शी नीतियां, सशक्त प्रशासन, पर्यावरण के प्रति जागरूकता और प्रशिक्षित जनशक्ति, राज्य को परफेक्ट इन्वेस्टमेंट डेस्टिनेशन बनाते हैं।” उन्होंने बताया कि प्रदेश के विकास के चार स्तंभ ट्रांसपोर्ट, इंफ्रास्ट्रक्चर, सर्विस सेक्टर और एनर्जी के लिए विशिष्ट रणनीतियां तैयार की गई हैं। दुबे ने बताया कि राज्य में 20 रेलवे जंक्शन, छह एयरपोर्ट और एक मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक पार्क जैसी अधोसंरचनाएं निवेशकों के लिए विशेष अवसर प्रदान करती हैं। साथ ही एमपी रिडेंसिफिकेशन पॉलिसी, एमपी टीडीआर रूल्स, टीओटी पॉलिसी 2019 और इंटीग्रेटेड टाउनशिप पॉलिसी को निवेशकों ने अत्यंत सराहा है।
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निवेश का ‘राइट टाइम’
औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के प्रमुख सचिव राघवेन्द्र सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश भारत की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, और इंदौर देश के सबसे गतिशील शहरी केंद्रों में से। उन्होंने कहा कि “अब समय है जब शहरीकरण और औद्योगीकरण को मिलाकर नीतिगत और व्यवहारिक रणनीतियां लागू की जा रही हैं।” उन्होंने लैंड बैंक, इंडस्ट्रियल पार्क्स और MSME/Startup नीतियों की भी जानकारी दी और कहा कि "यह निवेश का सबसे उपयुक्त समय है"।
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डिजिटल और हरित भविष्य की ओर
नगरीय प्रशासन एवं विकास आयुक्त संकेत भोंडवे ने कहा कि अगले पांच वर्षों में शहरी विकास की दिशा तय करने के लिए सरकार गंभीरता से काम कर रही है। उन्होंने बताया कि “अमृत हरित महाभियान” के अंतर्गत पर्यावरणीय सुधारों पर जोर दिया जा रहा है। साथ ही, रोपवे, रोडवे और मेट्रो जैसे शहरी मोबिलिटी विकल्पों को गति दी जा रही है। भविष्य की योजनाओं में डिजिटल लॉकर, बिजनेस लॉकर और आगे चलकर डिजिटल वॉलेट जैसी नागरिक सुविधाएं भी शामिल हैं, जिससे शहरों में सेवाएं स्मार्ट और सहज होंगी।
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तकनीकी नवाचार और अधिकारियों की भागीदारी
सत्र के दौरान परिवहन क्षेत्र में तकनीकी नवाचारों पर शांतनु शर्मा ने विस्तार से प्रकाश डाला। इसके अलावा टाउन एंड कंट्री प्लानिंग आयुक्त श्रीकांत बनोठ, एमपीआईडीसी के एमडी चंद्रमौली शुक्ला, कमिश्नर दीपक सिंह और कलेक्टर आशीष सिंह समेत कई वरिष्ठ अधिकारी इस विचार-विमर्श में शामिल हुए।