INDORE.एमपी हाईकोर्ट ने प्रदेश राज्य उपभोक्ता आयोग और सभी जिला उपभोक्ता आयोगों के अध्यक्ष और सदस्यों का कार्यकाल अंतरिम रूप से बड़ा दिया है। सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति को लेकर मामला विचाराधीन है। कोई स्थाई निराकरण नहीं हो जाता, तब तक मौजूदा अध्यक्ष और सदस्य अपना कार्यकाल खत्म होने के बावजूद अंतरिम रूप से यथावत उपभोक्ता मामलों की सुनवाई करते रहेंगे।
चीफ जस्टिस की बैंच ने दिया आदेश
हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है। इस आदेश के बाद राज्य उपभोक्ता आयोग और जिला उपभोक्ता आयोग में पदस्थ अध्यक्ष व सदस्य फिलहाल अपने पदों पर बने रहेंगे। सुप्रीम कोर्ट में केस लंबित होने से उपभोक्ता आयोग में नियुक्तियां रुकी हुई हैं। इस बीच कई जिलों में आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों का कार्यकाल इसी माह या आने वाले कुछ महीनों में खत्म होने जा रहा है।
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20 लाख से लेकर 1 करोड़ तक के केस
बताते चलें कि 20 लाख रुपए तक के केस जिला उपभोक्ता आयोग में सुने जाते हैं। इससे अधिक कीमत से जुड़े केस राज्य उपभोक्ता आयोग और 1 करोड़ रुपए से अधिक के मामलों को राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग सुनता है। इंदौर निवासी याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता सिद्धार्थ शर्मा ने पैरवी की थी। इस मामले में बिहार, केरला, उत्तर प्रदेश का हवाला दिया गया था। इसमें कहा था कि इन राज्यों में भी नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर विवाद का हल होने तक मौजूदा अध्यक्ष और सदस्यों का कार्यकाल अंतरिम रूप से बढ़ाया गया है।
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