INDORE. इंदौर विधानसभा 3 के तीन बार के पूर्व कांग्रेसी विधायक अश्विन जोशी 18 साल बाद हत्या के प्रयास के केस से बाइज्जत बरी हो गई हैं। जिला कोर्ट ने सुनवाई पूरी होने के बाद उन्हें पूर्व पार्षद मुन्ना अंसारी को गोली मारकर जान से मारने की कोशिश के केस से बरी कर दिया। इस मामले में उन्हें उनका मोबाइल नंबर 9826055000 काफी काम आया। उनके बचने में इसकी अहम भूमिका रही। न्यायाधीश विजय डांगी ने फैसला सुनाया। जोशी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एसके व्यास और साथ में अधिवक्ता अरविंद गोखले थे। जोशी ने कहा कि 18 साल बाद सच सामने आ गया है। इस बात की खुशी है।
क्या है केस
पूर्व पार्षद मुन्ना अंसारी ने केस कराया था कि 4 मई 2006 की रात 12 बजकर 5 मिनट पर वह अपनी बाइक पर अबरार के साथ जा रहे थे, तभी मेडिकल होस्टल के पास एक स्कूटर पर अश्विन जोशी व मुन्ना शर्मा और एक बाइक पर इलियास उर्फ ओलंपिक व एक अन्य बैठे हुए थे। यह पास में दोनों ओर से आए और जोशी ने रिवाल्वर निकालर गोली चलाई जो बांई ओर कमर के ऊपर लगी और पेट से दाईं ओर से निकली। इस घटना में अश्विन जोशी और इलियास पर धारा 307 के तहत केस दर्ज हुआ था। अब दोनों को दोषमुक्त किया गया है।
क्यों हुए अश्विन जोशी बरी
- कोर्ट में सुनवाई में सबसे अहम आया कि अश्विन जोशी का मोबाइल नंबर 9826055000 की टावर लोकेशन सदर बाजार थी। वह मित्रों के साथ उस समय रात 12.49 मिनट तक गप्पें मार रहे थे और फिर पत्नी के साथ घर गए। यदि घटना अंजाम दी तो लोकेशन मेडिकल होस्टल के पास आनी थी। जो नहीं आई।
- दूसरी वजह बनी कि एमवाय में सबसे पहले मुन्ना अंसारी को ले गए लेकिन उस समय मौजूद डॉक्टर आरसी मित्तल के बयान में यह लिखा है कि मुन्ना ने कहा कि उसे किसी ने गोली मार दी। उस समय अश्विन जोशी का नाम नहीं है।
- अन्य साथी भी जो अस्पताल पहुंचे वहां भी सभी ने कहा कि गोली चल गई किसी ने गोली मार दी, अश्विन जोशी का नाम नहीं आया। घटना के डेढ़ माह बाद 19 जून 2024 को मुन्ना के कथन हुए तब अश्विन का नाम आया।
- घटना में कोर्ट ने पाया कि मुन्ना के बयान ही घटना से मैच नहीं कर रहे हैं। एक जगह कहा गया कि गोली लगने के समय अश्विन जोशी ने कहा कि- क्यों रे मुन्ना अंसारी बहुत नेतागिरी कर रहा है, शाम को तू बहुत कर रहा था नेतागिरी आज तुझे निपटा देते हैं। वहीं एक जगह बयान है कि बहुत नेतागिरी करता है आज निपटा देंगे। दोनों अलग-अलग है।
- मुन्ना स्कूटर और बाइक रंग, नंबर कुछ भी नहीं बता सके
- घटना में चौथा व्यक्ति कौन था अज्ञात यह आज तक पता नहीं चला, जबकि चौकीदार ने कहा कि तीन ही लोग आए थे घटना का बोल रहे थे। किसी ने कितने लोग शामिल है इसकी तस्दीक नहीं की।
- चौंकाने वाली बात यह है कि घटना स्थल से सुयश अस्पताल दो मिनट की दूरी पर था तो फिर मुन्ना अंसारी को एमवाय क्यों ले गए और फिर वहां से सीएचएल क्यों ले गए?
- घटना हुई है गोली लगी है, लेकिन अश्विन जोशी ने मारी ऐसा कोई सबूत नहीं है।
गोली मारने का कारण भी गलत निकला
दूसरी बात गोली मारने के लिए मुन्ना अंसारी इसका कारण बताते हैं कि घटना वाले दिन शाम को ट्यूबवेल को लेकर अश्विन से विवाद हुआ था, साथ ही घटना के बाद भी तीन बार अश्विन ने हमला कराया। लेकिन सामने आया है कि ट्यूबवेल संबंधी विवाद की कहीं कोई पुष्टि नहीं है, निगम में भी जानकारी नहीं है। फिर मारने का कारण कहां है? साथ ही अश्विन जोशी ने 3 बार हमला कराया तो फिर उसकी कभी रिपोर्ट क्यों नहीं हुई है।
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