INDORE. इंदौर यशवंत क्लब (YC) की मैनेजिंग कमेटी का चुनाव का परिणाम कुछ समय बाद आने वाला है। अब तक के रुझान में सामने आया की चेयरमैन के पद के सिए टोनी सचदेवा और सह सचिव के लिए विपिन कूलवाल चुनाव जीत रहे हैं।
क्लब के करीब 4600 सदस्यों की मतदाता सूची में से मात्र 2199 ने ही वोट डाले, यानि 50 फीसदी से भी कम। ऐसे में कम वोटिंग के चलते दोनों पैनल के माथे पर चिंता की लकीरें आ गई है।
काउंटिंग इस तरह होगी- रात नौ-साढ़े नौ बजे रिजल्ट
काउंटिंग की प्रक्रिया पांच बजे शुरू होगी। इसके लिए सभी मतपेटियों से मतपत्र निकालकर उन्हें मिला दिया जाएगा। मतपत्र मिलाने के बाद 25-25 के बंडल बनाए जाएंगे। इसके बाद सभी मतगणना करने वालों को यह बंडल दिए जाएंगे। चार राउंड में मतगणना चलेगी और हर राउंड के बाद मतों की घोषणा की जाएगी। बंडल बनने के बाद माना जा रहा है कि शाम सात बजे करीब पहले राउंड का रिजल्ट संभावित है और फिर बाकी तीन राउंड के परिणाम आकर रात नौ- साढ़े नौ बजे करीब अंतिम रिजल्ट आ सकता है।
वोटिंग के दौरान गोरानी के भाई का विवाद
वहीं वोटिंग के दौरान सचिव संजय गोरानी के भाई नरेंद्र गोरानी का क्लब सदस्यों से जमकर विवाद हुआ। वहां एक खाने का स्टॉल लगा हुआ था, लेकिन वहां पर नरेंद्र पहुंचे और वहां पर खुद का बोर्ड लगा दिया, ताकि यह लगे कि यह व्यवस्था उन्होंने की है। सदस्यों ने बोर्ड हटवा दिया, लेकिन फिर छोड़ी देर बाद वह लगाने पहुंच गए। इसके चलते जमकर विवाद हुआ। फिर बोर्ड हटवाया गया।
यह है चुनावी मैदान में... नजरें चेयरमैन पद पर
मैदान में टोनी-गोरानी पैनल है, तो वहीं इसी पैनल से चेयरमैन पद को लेकर अलग हुए संतोष वाघले खुद की पैनल उतरकर पांच पदों के लिए मैदान में उतरे हैं। वहीं वाघले पैनल को पूर्व चेयमरैन पम्मी छाबड़ा के गुट ने खुलकर समर्थन दिया है, इसके बाद यह पैनल एकदम से टक्कर में आ गई है और चुनाव फंस गए हैं।
चेयरमैन पद : इस पद के लिए 6 बार चेयरमैन रह चुके टोनी सचदेवा फिर मैदान में हैं, वहीं उनके सामने संतोष वाघले है।
सह सचिव पद : इस पद के लिए टोनी-गोरानी पैनल से विपिन कूलवाल है, तो वहीं वाघले पैनल से बिलियर्डस-स्नूकर की पूर्व इंटरनेशनल प्लेयर अश्विनी पुराणिक है। (सचिव पद के लिए संजय गोरानी और कोषाध्यक्ष के लिए आदित्य उपाध्याय पहले ही निर्विरोध चुने जा चुके हैं)
कार्यकारिणी के 5 पदों के लिए
टोनी-गोरानी पैनल से- संचित बावेजा, नीतेश दाणी, संदीप जैन, आदित्य पारिख, अनिलेष केवल सोनी है।
वाघले पैनल से- वैभव दुआ, कुलविंदर सिंह गिल, ललित बत्रा
निर्दलीय- तेजवीर जुनेजा (लेकिन इन्हें वाघले और पम्मी गुट से समर्थन मिल रहा है)
चुनाव में सबसे ज्यादा नजरें टोनी और वाघले पर
क्लब में सभी का ध्यान चेयरमैन पद के चुनाव पर है। क्लब में यही मुद्द चर्चा में है कि बार-बार चेयरमैन पद के लिए टोनी ही क्यों? इसी बात पर ही वाघले भी इस पैनल से अलग हुए थे। वाघले ने चेयरमैन को क्लब का चेहरा और संविधान के रक्षक होने की बात कहते हुए वोट मांगे हैं।
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पम्मी गुट निभा सकता है अहम भूमिका
वाघले ने देर से भले ही चुनावी मैदान पकड़ा है, लेकिन उन्हें खुलकर पूर्व चेयरमैन पम्मी छाबड़ा गुट का समर्थन मिल गया है। इसके बाद वाघले अब कांटे के मुकाबले में आ चुके हैं। छाबड़ा के पास क्लब में पंजाबी, यूथ का एक बड़ा वोट बैंक मौजूद है। यह गुट वाघले के साथ ही उनके गुट से सह सचिव पद के लिए उतरी अश्विन पुराणिक, कार्यकारिणी पद के लिए उतरे वैभव दुआ, कुलविंदर सिंह गिल, ललित बत्रा के साथ ही निर्दलीय उतरे तेजवीर जुनेजा का भी सपोर्ट कर रहा है।
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