ज़िंदगी इक हादसा है और कैसा हादसा,
मौत से भी ख़त्म, जिसका सिलसिला होता नहीं।
जिगर मुरादाबादी का यह शेर लोगों के जहन में उस समय कौंध गया, जब 506 आर्मी बेस वर्कशॉप मे हुए हादसे का शिकार बने ऐश्वर्य सिन्हा का पार्थिव शरीर एक थाने से दूसरे थाने तक भटकता हुआ देखा गया।
पुलिस का अमानवीय चेहरा आया सामने
शनिवार को जबलपुर में स्थित 506 आर्मी बेस वर्कशॉप (ABW) में बोफोर्स तोप का सुधार कार्य करते हुए तोप का एक लगभग 2 टन का बड़ा हिस्सा फैक्ट्री कर्मचारी के ऊपर गिर गया था। इस हादसे में 506 ABW प्रशासन की लापरवाही भी उजागर हुई थी क्योंकि इतने भारी भरकम पार्ट की रिपेयर करते समय उसे सपोर्ट करने के लिए क्रेन तक उपलब्ध नहीं थी। इस हादसे में ऐश्वर्य सिन्हा की इलाज के दौरान मौत हो गई थी।साथी कर्मचारियों के द्वारा यह आरोप लगाया गया था कि कर्मचारियों से अत्यधिक वर्क प्रेशर में काम कराना भी हादसे की एक वजह थी, लेकिन इस मामले में अब फैक्टरी प्रशासन की लापरवाही के बाद पुलिस का अमानवीय चेहरा भी सामने आया है।
पार्थिव शरीर को भटका रहे एक से दूसरे थाने
506 आर्मी बेस वर्कशॉप कर्मी का शव जब घमापुर थानांतर्गत उनके निवास स्थान पर पहुंचा तो पार्थिव शरीर को लेकर उनके परिजन और फैक्ट्री के अन्य साथी कर्मचारी घमापुर थाने पहुंचे। थाने में साथी कर्मचारियों ने लापरवाही बरतने वाले व्यक्तियों पर FIR करने की मांग की। थाने के बाहर कर्मचारी का पार्थिव शरीर होने के बाद भी पुलिस ने थाने की सीमा और घटना क्षेत्र का हवाला देते हुए सभी को खमरिया थाने जाने के लिए कह दिया।
पुलिस कर्मियों ने इतना भी नहीं सोचा कि वह एक पार्थिव शरीर को एक से दूसरे थाने भटका रहे हैं। जबकि इस मामले में जीरो एफआईआर दर्ज कर डायरी दूसरे थाने भेजी जा सकती थी। फिर भी अपने थाने में एफआईआर दर्ज न करते हुए सर का बोझ उतारने पुलिस ने यह कदम उठाया। इसके बाद मृतक कमी के परिजन और अन्य साथी खमरिया थाना जाने को मजबूर हुए और मृतक के पार्थिव शरीर को घमापुर थाने से खमरिया थाने ले जाया गया।
खमरिया थाने में भी नहीं दर्ज हुई FIR
खमरिया थाने में भी थोड़ी देर प्रदर्शन करने के बाद सभी को वहां से मायूस होकर ही लौटना पड़ा क्योंकि उनकी एफआईआर वहां पर भी दर्ज नहीं की गई। अब जब जबलपुर में कबड़खाने में हुए भीषण ब्लास्ट के बाद हाई कोर्ट की लगातार फटकार सुनकर भी पुलिस ने फैक्टरी प्रशासन से पूछताछ तक नहीं की। उन्हें क्लीन चिट देने की पुरजोर कोशिश की थी। फिर एक कर्मचारी की मौत में पुलिस की इतनी हिम्मत कहां हो सकती थी कि वह FIR दर्ज कर सके।
ऐश्वर्य को शहीद का दर्जा देने की उठी मांग
प्रशासन की लापरवाही के चलते हुई कर्मचारी की मौत पर अब ऐश्वर्या को शहीद का दर्जा दिए जाने की मांग उठ रही है। 506 आर्मी बेस वर्कशॉप के श्रमिक संघ अध्यक्ष भारत कुमार बेरिया ने कहा कि जब युद्ध में किसी सैनिक की मौत होने पर उसे शाहिद का दर्जा दिया जाता है। आर्मी को बेहतरीन उपकरण उपलब्ध कराने के लिए सहायता कर रहे कर्मचारियों की अगर इस तरह के हादसे में मृत्यु होती है तो उसे भी शहीद का गौरव दिया जाना चाहिए। श्रमिक संगठनों ने ऐश्वर्य को शहीद का दर्जा दिलाने के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं। इसके साथ ही श्रमिक संगठनों ने मांग की है कि ऐश्वर्य के परिवार को जल्द से जल्द आर्थिक सहायता और अनुकंपा नियुक्ति भी दी जानी चाहिए।
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