हाईकोर्ट ने 23 कलेक्टरों पर लगाया 43 लाख 90 हजार का जुर्माना, मुआवजा राशि का था मामला

जबलपुर हाईकोर्ट ने जमीन अधिग्रहण के मामले में लगी याचिका पर सुनवाई करते हुए ऐतिहासिक फैसला सुनाया। हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि 1988 से लेकर अक्टूबर 2024 तक के जबलपुर के कलेक्टरों से मुआवजा राशि की वसूली की जाए।

author-image
Neel Tiwari
एडिट
New Update
MP Jabalpur High Court land acquisition compensation case decision
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

JABALPUR. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में जबलपुर के निवासियों को 36 साल बाद न्याय दिलाया है। इस मामले में हाईकोर्ट (Jabalpur High Court) ने आदेश दिया है कि साल 1988 से लेकर अब तक जबलपुर के कलेक्टर पद पर रहे सभी 23 कलेक्टरों से मुआवजे की राशि वसूली जाएगी। याचिकाकर्ता शशि पांडे की 29,150 वर्गफुट जमीन को 1988 में सरकार द्वारा ले लिया गया था, लेकिन अब तक उन्हें मुआवजा नहीं दिया गया था।

लंबी चली न्याय की लड़ाई

शशि पांडे ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिसमें उन्होंने बताया कि उनकी आधारताल बायपास से लगी जमीन को सरकार ने 5 फरवरी 1988 को अधिग्रहित किया था, लेकिन न तो मुआवजा मिला और न ही कोई अधिग्रहण की कार्रवाई पूरी की गई। इसके बाद, याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस जीएस अहलूवालिया (Justice GS Ahluwalia) की बेंच ने आदेश दिया कि शशि पांडे को 10 हजार रुपए प्रति माह के हिसाब से 1988 से अब तक का हर्जाना दिया जाए।

कलेक्टरों से वसूली का दिया आदेश

इस मुआवजा राशि की भरपाई के लिए हाईकोर्ट ने जबलपुर के उन सभी 23 कलेक्टरों से राशि वसूलने का आदेश दिया है जो फरवरी 1988 से अक्टूबर 2024 तक इस पद पर रहे। कुल 43 लाख 90 हजार रुपए का मुआवजा 439 महीने के हिसाब से तय किया गया है।

इन कलेक्टरों को देनी होगी सबसे अधिक राशि

इन 23 कलेक्टरों में सबसे ज्यादा हर्जाना तत्कालीन कलेक्टर संजय दुबे को चुकाना पड़ेगा। संजय दुबे ने जबलपुर में 37 महीने तक सेवा दी थी। उन्हें 3 लाख 70 हजार रुपए चुकाने होंगे। इसके अलावा विवेक पोरवाल, गुलशन बामरा और एसएस डंगस को भी 36 महीने के हिसाब से 3 लाख 60 हजार रुपए का भुगतान करना होगा। वहीं, सबसे कम हर्जाना अजय सिंह को चुकाना होगा, जिन्होंने जबलपुर में केवल 2 महीने काम किया था, उन्हें 20 हजार रुपए का भुगतान करना होगा। वहीं वर्तमान कलेक्टर दीपक सक्सेना को 90 हजार रुपए की राशि जमा करनी होगी।

36 साल की देरी, पर आखिर मिल गया न्याय

हाईकोर्ट के इस फैसले से यह साबित होता है कि न्याय में देरी हो सकती है, लेकिन अंधेर नहीं। शशि पांडे जैसे पीड़ितों के लिए यह फैसला न्याय की प्रतीक्षा के बाद आने वाली राहत की एक मिसाल है। इस फैसले से भविष्य में प्रशासनिक अधिकारियों को भी यह संदेश जाएगा कि उनकी जिम्मेदारियों से बचा नहीं जा सकता। इस मामले में आगे क्या कदम उठाए जाएंगे, यह देखना दिलचस्प होगा, लेकिन एक बात तो साफ है कि अब न्याय के लिए लंबी प्रतीक्षा के बाद शशि पांडे को उनका हक मिलने वाला है।

thesootr links

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

 

 

मध्य प्रदेश जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना MP News 23 कलेक्टर से वसूली का आदेश जस्टिस जीएस अहलूवालिया आधारताल जमीन अधिग्रहण मामला जबलपुर न्यूज जबलपुर में कलेक्टर पर जुर्माना जबलपुर हाईकोर्ट Justice GS Ahluwalia Jabalpur News Jabalpur Collector एमपी न्यूज Jabalpur High Court जबलपुर कलेक्टर