मध्य प्रदेश के सामान्य प्रशासन विभाग भोपाल के द्वारा बुधवार 26 जून को जारी किए गए आदेश के अनुसार सभी शासकीय कर्मियों को सुबह 10 बजे अपने दफ्तर पहुंचना सुनिश्चित किया जाना था। उसके बाद भी ऐसा लग रहा है कि कुछ सरकारी कर्मचारी अपनी सालों की देरी से दफ्तर पहुचने की आदत को बदल नहीं पा रहे।
नतीजतन गुरुवार को जबलपुर जिला कलेक्टर ने देरी से कार्यालय पहुंचने वाले कुल 40 कर्मचारियों पर कार्रवाई करते हुए उनकी आधे दिन की केसुअल लीव काट दी है। आदेश जारी होने के बाद भी आज जबलपुर कलेक्टर कार्यालय के कई विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी देरी से दफ्तर पहुंचे थे।
जल्द डालनी होगी नियम अनुसार चलने की आदत
मध्य प्रदेश में मोहन सरकार की सख्ती के चलते अब शासकीय कर्मचारियों को जल्द नियम अनुसार अपनी ड्यूटी पूरी करने की आदत डालनी होगी । आज जबलपुर में 40 कर्मचारियों के ऊपर की गई कार्रवाई एक चेतावनी मात्र है। इसके बाद भी यदि कर्मचारियों के द्वारा इस तरह की लापरवाही बढ़ती जाती है तो उनके ऊपर और भी कठोर कार्रवाई की जा सकती है।
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शासकीय कर्मचारियों को मिलती है आकस्मिक अवकाश (CL) की सुविधा
किसी भी राज्य कर्मचारी को एक वर्ष में अधिक से अधिक 15 दिन का आकस्मिक अवकाश मिलता हैं। जो एक बार में अधिकतम 10 दिन तक लिया जा सकता हैं। राज्य कर्मचारियों को आधा दिन का आकस्मिक अवकाश भी मिलता हैं।
जिसमें उनके वेतन से कोई कटौती नहीं होती। बीमारी,अस्पताल और अंतेष्टि जैसे मामलों मे यह आकस्मिक अवकाश (CL) लेने पर पूर्व स्वीकृति लेने की भी जरूरत नहीं होती। आकस्मिक अवकाश आवेदन में अवकाश के समय में कर्मचारी के रहने का पता भी अंकित करने का नियम है। यह नियम राजपत्रित अधिकारी के लिए भी समान ही है।
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