जबलपुर में सरकारी अस्पतालों में अव्यवस्था और प्राइवेट हॉस्पिटल में मनमानी, मरीज हो रहे परेशान

मध्य प्रदेश में जबलपुर में इलाज में लापरवाही के कारण एक ही दिन में 3 जानें चली गई। कटंगी के स्वास्थ्य केंद्र में गलत इंजेक्शन से गर्भवती और उसके बच्चे की मौत हो गई। वहीं प्रायवेट हॉस्पिटल में सही इलाज नहीं मिलने पर बुजुर्ग महिला ने दम तोड़ दिया।

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Vikram Jain
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MP Jabalpur Patients upset due to negligence medical services 
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नील तिवारी@JABALPUR. जबलपुर में कटंगी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में गर्भवती महिला की मौत के कुछ घंटे भी नहीं बीते थे कि एक निजी अस्पताल में बुजुर्ग महिला की इलाज में मौत हो गई। महिला के परिवार वालों ने इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। इसके साथ महिला के परिवार वालों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया। मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले में संभाला। परिवार वालों ने बताया कि निजी अस्पताल में कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था और कंपाउंडरों के जरिए इलाज किया जा रहा था।

क्या है पूरा मामला

दरअसल, शहपुरा- भिटोनी की रहने वाली 78 साल की गफूरन बी की तबीयत खराब हो चल रही थी। जिसके चलते बेटे अच्छे इलाज के लिए उन्हें शहपुरा से जबलपुर लेकर पहुंचे और जबलपुर के मार्बल सिटी अस्पताल में भर्ती कराया। उनके बेटों को यह नहीं पता था कि यह निजी अस्पताल भी अब व्यापारिक संस्थान बन चुके हैं। परिजनों के अनुसार अस्पताल में कोई भी सीनियर डॉक्टर मौजूद नहीं था और कंपाउंडरों और नर्सों के भरोसे पूरा इलाज चल रहा था।

सिर्फ पैकेज पर ध्यान देते हैं निजी अस्पताल

मार्बल सिटी अस्पताल पहुंची बीमार बुजुर्ग महिला गफूरन बी की एंजियोग्राफी करने के बाद उनके दिल में ब्लॉकेज बताया गया। उसके बाद गफूरन बी के परिजनों को एक बढ़िया सा इलाज का पैकेज बेच दिया गया। उनका इलाज कर रहे कंपाउंडरों में से एक ने महिला के बेटे को दवा लाने के लिए कहा और जब वह दवा काउंटर पर पहुंचा तो उसे पैकेज का हवाला देते हुए 15 से 20 मिनट तक इंतजार कराया उसके बाद उसे दवा देने के बजाय उन्होंने यह बताया कि आप बस जाकर यह बता दें कि आपकी दवा पैकेज में है। इस बीच गफूरन बी का छोटे बेटे जब वापस अपनी मां के पास पहुंचा तो उस समय कंपाउंड उन्हें पंप कर वापस जीवित करने की कोशिश कर रहे थे। थोड़ी देर पहले तक ठीक-ठाक बात कर पाने वाली अपनी मां की ऐसी स्थिति देखकर उसके बच्चों को भी भारी आघात पहुंचा और उन्होंने दवाइयां को वहीं पर पटक कर तुरंत किसी सीनियर डॉक्टर को बुलवाने की गुहार लगाई। परिजनों के गिड़गिड़ाने के बाद भी कोई भी सीनियर डॉक्टर मौके पर नहीं पहुंचा और गफूरन बी ने दम तोड़ दिया।

परिजनों ने किया हंगामा मौके पर पहुंची पुलिस

अपनी मां को अच्छा इलाज नहीं मिल पाने के कारण हुई मौत के बाद उनके बेटों सहित परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने अस्पताल में जमकर हंगामा किया। परिजनों ने आरोप लगाया कि अस्पताल में यदि अच्छा इलाज मिला होता तो उनकी मां की जान बच सकती थी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को को काबू में किया। वहीं जबलपुर शहर में लगातार हुई दो घटनाओं ने सवाल खड़ा किया कि क्या जबलपुर शहर जो महानगर की दौड़ में शामिल है, उसमें स्वास्थ्य सुविधाएं इतनी नकारा हैं कि सरकारी तो छोड़िए निजी अस्पताल में भी आपके मरीज की जान बच पाएगी या नहीं इसकी कोई गारंटी नहीं ले सकता।

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आखिर कहां जाए मरीज?

इससे पहले शुक्रवार की दोपहर को कटंगी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में गर्भवती महिला सहित उसके बच्चे की मौत हो गई। इसके बाद आक्रोशित परिवार वालों ने डॉक्टर पर गलत इंजेक्शन लगाने के आरोप लगाते हुए चक्काजाम कर दिया था। इस घटना के कुछ ही घंटों के बाद निजी अस्पताल में भी अव्यवस्था के कारण हुई मौत ने जबलपुर की चरमराई हुई स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की पोल खोल कर रख दी है। शायद यही वजह है कि जबलपुर के नागरिक इलाज के लिए जबलपुर से ज्यादा नागपुर जैसे शहरों पर भरोसा करते हैं।

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