एमपी में का बा फेम नेहा राठौर को हाइकोर्ट से नहीं मिली राहत

अपने गानों से बीजेपी को घेरने के साथ ही RSS के खिलाफ पोस्ट किए एक कार्टून से चर्चा में आईं भोजपुरी गायिका नेहा सिंह राठौर को मध्‍य प्रदेश हाइकोर्ट ने झटका दे दिया है। मप्र हाईकोर्ट ने नेहा सिंह के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले को रद्द करने से मना कर दिया...

Advertisment
author-image
Jitendra Shrivastava
New Update
THESOOTR
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

नील तिवारी, JABALPUR. सीधी में एक व्यक्ति ने आदिवासी मजदूर पर पेशाब कर दिया था, जिसके बाद काफी सियासी बवाल मच गया था। भोजपुरी गायिका नेहा सिंह राठौर ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया था, जिसमें एक व्यक्ति को अर्धनग्न हालात में फर्श पर बैठे दूसरे व्यक्ति पर पेशाब करते हुए दिखाया  गया था। कार्टून में खाकी रंग का निक्कर भी जमीन पर पड़ा हुआ दिखाया गया था। इस मामले में नेहा के खिलाफ आईपीसी की धारा 153 ए (जाति, धर्म, जन्म, स्थान, निवास के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। जिससे राहत पाने के लिए और एमपी में का बा फेम नेहा राठौर ने कोर्ट में याचिका दायर की थी।

अभिव्यक्ति की आजादी के दायरे में नहीं है घटना

 याचिका की सुनवाई करते हुए जस्टिस गुरपाल सिंह अहलूवालिया ने कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा अपने ट्विटर और इंस्टाग्राम पर अपलोड किया गया कार्टून असल घटना के अनुरूप नहीं था। आवेदिका नेहा राठौर द्वारा अपनी मर्जी से कुछ अतिरिक्त चीजें जोड़ी गई थीं। इसलिए इसे अभिव्यक्ति की आज़ादी के दायरे में नहीं माना जा सकता । कोर्ट ने कहा कि आवेदक ने जो किया, वो बिना किसी वजह के एक खास समूह को इस घटना से जोड़ने वाला था। इसी वजह से ये संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) के दायरे में नहीं आता और अनुच्छेद 19(2) के तहत सैटायर भी प्रतिबंधित किया जा सकता है।

यह व्यंग नहीं : जस्टिस अहलूवालिया

हाईकोर्ट ने नेहा सिंह राठौर से पूछा कि उन्‍होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए कार्टून में विशेष विचारधारा की पोशाक क्यों जोड़ी, जबकि ये सभी को पता है कि वह आरएसएस की ड्रेस का हिस्‍सा है, उन्‍होंने कहा कि सच वह नहीं जो कि कार्टून में दिखाया गया है, आदिवासी व्यक्ति के ऊपर पेशाब करने के आरोपी ने ऐसी पोशाक नहीं पहनी थी। कोर्ट ने यह पाया कि इस कार्टून को अपने सोशल हैंडल्स में डालने के पीछे नेहा का मकसद यह बताना था कि इस घटना से एक विशेष विचारधारा के लोग जुड़े हुए हैं। इस तरह किसी घटना से किसी एक विशेष विचारधारा को जोड़ना व्यंग नहीं माना जा सकता इसलिए नेहा राठौर के ऊपर की जा रही कानूनी कार्यवाही को कोर्ट ने उचित ठहराया और  इस पर हस्तक्षेप से इनकार कर दिया।

ये वीडियो भी देखें....

thesootr links

 सबसे पहले और सबसे बेहतर खबरें पाने के लिए thesootr के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें। join करने के लिए इसी लाइन पर क्लिक करें

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

हाईकोर्ट नेहा राठौर एमपी में का बा भोजपुरी गायिका नेहा सिंह राठौर