मध्य प्रदेश के कटनी जिले के हरैया गांव में जंगल की जमीन पर धड़ल्ले से खनन चल रहा है। यह वही जमीन है, जिस पर सुप्रीम कोर्ट में केस चल रहा है, लेकिन यहां की धरती को माफिया द्वारा मशीनों से उधेड़ा जा रहा है। लाइमस्टोन के बड़े-बड़े पहाड़ों को मशीनों से काटा जा रहा है। कोई रोकने वाला नहीं है।
इसे लेकर वरिष्ठ पत्रकार संतोष उपाध्याय ने वन विभाग के अपर मुख्य सचिव अशोक बर्णवाल से शिकायत की है। उन्होंने फोटो, दस्तावेज और साइट लोकेशन की जानकारी भी वन विभाग को सौंपी है। उपाध्याय ने बताया कि कटनी जिले की विजयराघवगढ़ तहसील के हरैया गांव की जमीन खसरा नंबर 518/250 कुल 231 हेक्टेयर में फैली है, इसमें 222 हेक्टेयर से ज्यादा हिस्सा जंगल की श्रेणी में आता है, लेकिन अब वहां ना पेड़ हैं, ना हरियाली, बल्कि खदानें हैं, गड्ढे हैं और धूल का तूफान है।
सुप्रीम कोर्ट की अवमानना
शिकायतकर्ता उपाध्याय का आरोप है कि हरैया की इस जमीन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित है। फैसला आना अभी बाकी है। इसके पहले ही यहां माफिया द्वारा करोड़ों का पत्थर निकाला जा चुका है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं और वन विभाग मूकदर्शक बना बैठा है। वे कहते हैं, जब तक सुप्रीम कोर्ट में केस चल रहा है, तब तक यहां एक पत्थर भी नहीं हटना चाहिए, लेकिन यहां तो पूरा पहाड़ उखाड़ दिया गया। प्रशासन सोता रहा। क्या यह कोर्ट की अवमानना नहीं है?
बड़ी मशीनें, बड़े खिलाड़ी और बड़ा खेल
हरैया की इस जमीन पर खनन इतना तेज है कि जेसीबी से लेकर डंपर तक चौबीसों घंटे दौड़ते हैं। सवाल उठता है कि क्या यह बिना प्रशासन की मिलीभगत के संभव है? आखिर इतने बड़े स्तर पर मशीनें कैसे पहुंची? डंपिंग कहां हो रही है? और करोड़ों का माल किन ट्रकों से कहां भेजा जा रहा है? उपाध्याय का कहना है कि यह कोई छोटा मोटा मामला नहीं है, ये सीधा जंगल की हत्या है, अदालत की अवहेलना है और सरकारी सिस्टम की नाकामी की खुली तस्वीर है।
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वन विभाग से की मांग
शिकायतकर्ता संतोष उपाध्याय ने वन विभाग से मांग की है कि तुरंत उच्च स्तरीय टीम भेजकर पूरे इलाके की जांच हो। खसरा 518/250 में चल रहा खनन तत्काल रोका जाए और मशीनों को जब्त किया जाए। जो भी इस खेल में शामिल हैं, अधिकारी हों या एजेंसियां, उन पर एफआईआर हो और कानूनी कार्रवाई हो। इस जमीन को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने तक संरक्षित क्षेत्र घोषित किया जाए। इस अवैध खनन की रिपोर्ट कोर्ट को भी भेजी जाए ताकि सच सामने आ सके।
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