मध्य प्रदेश में विद्युत विभाग में भ्रष्टाचार के मामलों पर लोकायुक्त पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा है। सोमवार को जबलपुर लोकायुक्त की टीम ने कटनी स्थित एमपीईबी (मध्य प्रदेश इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड) के अधिकारियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है, जिसमें उप अभियंता (डीई) राजीव चतुर्वेदी, सहायक अभियंता (एई) चंचल गुप्ता, और जूनियर इंजीनियर (जेई) रवि कुमार बर्मन पर भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया गया है। ये अधिकारी एक ठेकेदार से भारी रिश्वत मांगते हुए पकड़े गए हैं।
जानें पूरा मामला
प्रकरण की शुरुआत तब हुई जब कटनी एमपीईबी में बी-क्लास ठेकेदार बलराम दास पटेल ने लोकायुक्त पुलिस को एक लिखित शिकायत दी। शिकायत में बलराम ने बताया कि ग्राम लोहरवाड़ा के उपभोक्ता राजेश पटेल की राइस मिल के लिए 63 केवीए के ट्रांसफार्मर की आवश्यकता थी, जिसके लिए उसे डीई राजीव चतुर्वेदी से एस्टीमेट और डिमांड नोट तैयार कराने का कार्य करवाना था। राजीव चतुर्वेदी ने इस कार्य के लिए बलराम से 80 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की। इसके बाद जब बलराम एई चंचल गुप्ता से मिले, तो उन्होंने भी 40 हजार रुपए रिश्वत की मांग रखी।
लोकायुक्त की कार्रवाई, 20 हजार की रिश्वत लेते नपा इंजीनियर गिरफ्तार
रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार
लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक की निगरानी में टीम ने ठेकेदार बलराम को निर्देशित किया कि वह निर्धारित रकम के साथ इन अधिकारियों से संपर्क करे। इसके बाद 11 नवंबर को, 25 हजार रुपए की पहली किश्त सहायक अभियंता (एई) चंचल गुप्ता को देने के लिए बलराम ने एई कार्यालय खतौली, जिला कटनी में मुलाकात की। जैसे ही चंचल गुप्ता ने रिश्वत के रूपए लिए तो लोकायुक्त की टीम ने उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। लोकायुक्त की टीम में उप पुलिस अधीक्षक सुरेखा परमार, निरीक्षक कमल सिंह उईके, निरीक्षक भूपेंद्र दीवान और चार अन्य सदस्य शामिल थे।
thesootr links
- मध्य प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए करें क्लिक