MP : खरगोन में निर्माण एजेंसी की मनमानी , देजला-देवड़ा डैम के पास बगैर परमिशन हो रही ब्लास्टिंग, तबाही की आशंका, दहशत में ग्रामीण

मध्‍य प्रदेश के खरगोन में देजला-देवड़ा बांध में दरार आने का खतरा बढ़ गया है। यहां फिल्टर प्लांट निर्माण के लिए बगैर अनुमति के ब्लास्टिंग हो रही है। विरोध के बाद भी निर्माण एजेंसी की मनमानी जारी है।

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Vikram Jain
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MP Khargone Dejala Deora Dam near blasting Case
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BHOPAL. मध्य प्रदेश में खरगोन में सरकारी तंत्र की लापरवाही के कारण बांध के क्षतिग्रस्त होने का खतरा मंडरा रहा है। यहां बगैर अनुमति के हो रही ब्लास्टिंग से देजला-देवड़ा बांध में दरार आने का खतरा बढ़ गया है। जिसके कारण 600 से ज्यादा गांवों के तबाह होने का डर बना हुआ है। सरपंचों, नेताओं और ग्रामीणों की शिकायत के बावजूद निर्माण एजेंसी मनमानी कर बड़ी मशीनों से ब्लास्टिंग कर रह रही है।  

विरोध और शिकायतों के बाद हो रही ब्लास्टिंग

जलसंसाधन विभाग की बांध स्थल पर ब्लास्टिंग नहीं करने की हिदायत के बाद भी निर्माण एजेंसी ने मानने को तैयार नहीं है। ग्राम पंचायतों के सरपंच और ग्रामीणों की शिकायत के बाद भी निर्माण एजेंसी मनमानी कर रही है। विरोध के बावजूद निर्माण एजेंसी द्वारा मशीनों से लगातार ब्लास्टिंग की जा रही है।

बांध के ऊपरी छोर पर बन रहा फिल्टर प्लांट

दरअसल, खरगोन जिला मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर दूर भगवानपुरा थाना क्षेत्र के देजला देवाड़ा बांध के ऊपरी छोर पर मध्य प्रदेश सरकार उपक्रम जल निगम द्वारा जलशोधन यंत्र तैयार किया जा रहा है। यह जल मिशन के तहत 309 करोड़ रुपए की लागत से बन रहे फिल्टर प्लांट का निर्माण एजेंसी को सौंपा गया है। इस प्लांट को बनाने के लिए निर्माण एजेंसी द्वारा ब्लास्टिंग की जा रही है। 

बगैर परमिशन के हो रही ब्लास्टिंग

हैरानी की बात यह है कि जिस एजेंसी को फिल्टर प्लांट तैयार करने के लिए जिम्मेदारी सौंप गई उसने ना तो वन विभाग से ब्लास्टिंग की परमिशन ली और ना ही राजस्व विभाग से ली। बांध के ऊपरी छोर पर बगैर किसी परमिशन के ब्लास्टिंग की जा रही है। जिस विभाग का विशालकाय देजला-देवड़ा जलाशय है, उससे भी ब्लास्टिंग की परमिशन नहीं ली गई। अब इससे कई गांवों में खतरा मंडरा रहा है। बांध के बैकवॉटर में बांध के मैन स्ट्रीम से कुछ दूरी पर ब्लास्टिंग की जा रही है। इसके लिए ठेकेदार द्वारा ब्लास्टिंग का काम करवाया जा रहा है।

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लोगों ने किया ब्लास्टिंग का विरोध

बता दें कि भगवानपुरा विकासखंड की 4 ग्राम पंचायत के सरपंच, जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने बांध के पास ब्लास्टिंग का विरोध करते हुए भगवानपुरा थाना प्रभारी को आवेदन दिया था। साथ ही बांध क्षतिग्रस्त होने की बात कहते हुए ब्लास्टिंग रोकने की मांग की थी। मामले में पुलिस का कहना है कि आवेदन मिलने के बाद निर्माण एजेंसी को ब्लास्टिंग न करने की हिदायत दी गई है।

ब्लास्टिंग के कारण दहशत में ग्रामीण

विशालकाय देजला देवाड़ा बांध पर हो रही ब्लास्टिंग से कई गांवों के लोग दहशत में है। रोजाड़ी गांव में कई लोग रात में ब्लास्टिंग के कारण सो नहीं पा रहे हैं।

ब्लास्टिंग से बांध में दरार की आशंका

बता दें कि 2023 में धार जिले के कारम डैम के फूट गया था। तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद हवाई सर्वे किया था। इस दौरान खरगोन जिले के कलेक्टर और एसपी भी कारम डैम के प्रभाव को देखने पहुंचे थे। खरगोन जिले का देजला देवाड़ा बांध करीब 25 साल पुराना है और इसकी पाल मिट्टी और पत्थरों से बनी हुई है।

जल संसाधन विभाग के अधिकारियों का मानना है कि विभाग की टीम के एक्सपर्ट बांध स्थल से दूरी और विस्फोट की क्षमता का निरीक्षण करने के बाद ही ब्लास्टिंग की जा सकती है। हमने अभी किसी तरह की ब्लास्टिंग न करने के लिए लिखा है।

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