मध्य प्रदेश में शराब दुकानों की नीलामी ई-टेंडरिंग से 4 मार्च यानी मंगलवार से शुरू हो रही है। सरकार को अधिक राजस्व मिले, इसके लिए ई-टेंडरिंग के साथ ऑक्शन का विकल्प भी रखा गया है। ठेकेदार पहले ई-टेंडर भर सकेंगे और बाद में ऑनलाइन बोली लगाकर अपनी बिड बढ़ा सकेंगे। इस दौरान प्रदेश की 55% शराब दुकानों की नीलामी होगी।
ऑनलाइन बिडिंग का नया ऑप्शन
इसके पहले साल 2019 में सीमित स्तर पर आबकारी विभाग ने ऑनलाइन बिडिंग का विकल्प दिया था, लेकिन यह सफल नहीं हो सका। इस बार ठेकेदारों को ई-टेंडर भरने के साथ ई-टेंडर-ऑक्शन का भी विकल्प मिलेगा।
ऑक्शन की खास बातें
अधिकतम बोली को बेस प्राइस मानते हुए 8 मार्च को शाम 5 बजे से आगे बिडिंग शुरू होगी। ठेकेदार अपनी बिड राशि का 0.25% बढ़ाकर अगली बोली लगा सकेंगे। हर 15 मिनट में नई बोली लग सकेगी, यदि कोई बोली नहीं लगती तो प्रक्रिया समाप्त हो जाएगी।
ठेकों का भी नवीनीकरण
प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 15 हजार 200 करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य रखा है, जिसमें से अब तक 13 हजार 200 करोड़ रुपये वसूले जा चुके हैं। इस बार रिजर्व प्राइस 20% बढ़ाया गया है और जिलों में न्यूनतम 75% की बजाय 80% का राजस्व लक्ष्य रखा गया है। इसी वजह से 45% दुकानों का नवीनीकरण संभव नहीं हो सका।
भोपाल की 87 शराब दुकानों को 4 ग्रुप में बांटा
भोपाल जिले की 87 शराब दुकानों को चार ग्रुपों में बांटा गया है। इनमें सबसे छोटे समूह की कीमत 210 करोड़ रुपये है, जबकि सबसे बड़ा समूह 303 करोड़ रुपये का है। आबकारी विभाग को उम्मीद है कि इन समूहों के लिए कम से कम आठ से अधिक बिड आएंगी। पहले ये दुकानें 35 ग्रुप में बटी हुईं थीं, लेकिन इस वित्त वर्ष में इन्हें चार समूहों में बांटा गया है। आबकारी विभाग ने भोपाल की शराब दुकानों से 1 हजार 73 करोड़ रुपए राजस्व जुटाने का लक्ष्य तय किया है।
आबकारी विभाग की रणनीति
सहायक आबकारी आयुक्त दीपम रायचुरा ने बताया कि वित्तीय वर्ष में शराब दुकानों से 1 हजार 73 करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य रखा गया है। पहले चरण में 19 समूहों ने ही नवीनीकरण कराया था, जिससे सिर्फ 611 करोड़ रुपये का ऑफर मिला। इसके बाद 6 समूहों की लॉटरी आई, जिससे कुल राजस्व 73% तक पहुंच सका।
ईं-टेंडरिंग के मुख्य बिंदु
- ई-टेंडरिंग से शराब दुकानों की नीलामी 5 मार्च से शुरू।
- ऑनलाइन बिडिंग का विकल्प मिलेगा, 8 मार्च से बोली बढ़ाने का मौका।
- 45% ठेके 80% राजस्व लक्ष्य पूरा न होने के कारण नहीं हो सके नवीनीकृत।
- भोपाल जिले में 87 दुकानों के 4 समूह बनाए गए, सबसे बड़ा समूह 303 करोड़ रुपये का।
- 15 हजार सात सौ करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य, अब तक 13 हजार 200 करोड़ रुपये वसूले गए।
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