सीहोर के इछावर में कन्यादान योजना के 161 पंजीयन रद्द किए जाने से परिवारों में गुस्सा है। जनपद पंचायत की मनमानी की वजह से कई परिवारों की बेटियां हाथ पीले होने के बाद भी फेरे नहीं ले सकीं। वहीं, बारात लेकर पहुंचे दूल्हों को भी दुल्हन के बिना ही वापस लौटना पड़ा।
प्रशासन अपनी लापरवाही को छिपाने के लिए आवेदनों में खामी होने की सफाई दे रहा है। वहीं सरकारी योजना की राशि हड़पने और उसमें अपना मुनाफा निकालने के लिए जनपद के अधिकारियों की मिलीभगत के आरोप भी लगाए जा रहे हैं। हालांकि, मांगने के बाद भी अधिकारी प्रभावित परिवारों को ये कमियां दिखा नहीं रहे हैं। जिले के जनप्रतिनिधियों ने भी आयोजन से चंद घंटे पहले 161पंजीयन निरस्त करने पर सवाल खड़े किए हैं।
सीहोर जिले में कन्यादान योजना के 161 विवाह और निकाहों के पंजीयन अचानक खारिज करने के मामले में द सूत्र ने पड़ताल की। पड़ताल में इछावर जनपद पंचायत की गंभीर चूक सामने आई है। अचानक विवाह और निकाह टालने को लेकर जनपद सीइओ और कर्मचारियों पर मनमानी के आरोप लगाए जा रहे हैं। वहीं जनपद सीइओ शिवानी मिश्रा भी सवालों का जवाब देने से बचती नजर आ रही हैं। प्रशासन भी इस मसले पर गोलमोल जवाब दे रहा है।
मंडप से वापस लौटाए गए जोड़े
इछावर जनपद पंचायत की कारगुजारी ने कई नवयुगलों के मन में टीस पैदा कर दी है। इस गड़बड़झाले को खंगालने के दौरान नयापुरा में रहने वाला युवक कृष्णपाल वर्मा सामने आया। कृष्णपाल का रिश्ता भांवखेड़ी में हुआ था।
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दोनों परिवारों ने कन्यादान योजना में विवाह कराने पंजीयन कराया था। 16 जून को विवाह होना था, लेकिन 15 जून की रात को उन्हें पंजीयन रद्द करने की सूचना मिली। दोनों परिवारों ने खूब मिन्नतें कीं, लेकिन अफसर नहीं माने और उन्हें दुल्हन और दूल्हे को लेकर लौटना पड़ा।
पंजीयन रद्द होने से ऐसी ही परेशानी दुधलई के पिंकेश बामनिया और एक अन्य युवक संदीप मालवीय को भी उठानी पड़ी है। पिंकेश का कहना है कि जनपद के लोगों ने मिलकर पात्र लोगों को कन्यादान सम्मेलन से बाहर कर दिया जबकि जो पहले से विवाहित थे उन्हें शामिल किया है। इसकी जांच कराई जाए तो सब उजागर हो जाएगा।
कुंआरे को विवाहित बताकर रोका विवाह
जनपद पंचायत अध्यक्ष ओमप्रकाश वर्मा भी कन्यादान योजना के अधिकारियों के मनमाने रवैए से आहत हैं। उन्होंने कहा कृष्णपाल की शादी ही नहीं हुई लेकिन उसे विवाहित बताकर पंजीयन रद्द कर दिया गया। युवक विवाहित है इसकी पड़ताल तो कर लेते। पवित्र आयोजन में जैसा खिलवाड़ हुआ है उसने कई परिवारों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। दो_चार आवेदनों में त्रुटि हो सकती है लेकिन 190 जोड़ों के दस्तावेजों में गलती एक रात पहले ही चले यह समक्ष से परे है।
जमा कराते समय होनी थी जांच
इछावर में 16 जून का कन्यादान समारोह खूब चर्चा में है। सात फेरों से ठीक पहले डेढ़ सौ से ज्यादा पंजीयन रद्द करने को लेकर लोग जनपद पंचायत की सीइओ शिवानी मिश्रा, प्रशासन और जनपदकर्मियों पर आरोप लगा रहे हैं। हल्दी_ मेंहदी लगने के बाद बेटियों को वापस ले जाने वाले माता_ पिता के सवालों से बचने सीइओ ने मोबाइल कॉल उठाना ही बंद कर दिया है। वहीं एसडीएम जमील खान केवल आवेदनों में कमी को पंजीयन रद्द करने की वजह बता रहे हैं। सामूहिक विवाह समारोह Kanyadan Yojana | Mukhyamantri Kanyadan Yojana | CM Kanyadan Yojana | Chief Minister Kanyadan Yojana | मुख्यमंत्री कन्यादान योजना
जनता को चाहिए इन सवालों के जवाब
1.पंजीयन के लिए आवेदन एक सप्ताह होते हैं तो कुछ लोगों से बाद में क्यों लिए ?
2.वर_वधु के दस्तावेजों का सत्यापन मौके पर ही क्यों नहीं किया गया ?
3.सत्यापन आखिरी दिन यानी 15 जून को ही क्यों करना जरूरी समझा ?
4.दस्तावेजों के सत्यापन में कोई त्रुटि थी तो उसे पूरा क्यों नहीं कराया गया ?
5.आयोजन के दौरान जब जोड़े मौके पर पहुंचे थे तो उनके सामने कमियां क्यों नहीं रखी गईं ?
6.दस्तावेजों के सत्यापन में देरी करने वाले कर्मचारियों पर क्या कार्रवाई की गई ?
7.सम्मेलन में जिनके विवाह_निकाह कराए गए क्या उनमें से कोई पूर्व से विवाहित नहीं था ?
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