BHOPAL. मध्य प्रदेश के मंदसौर से मजबूर और गुस्साए किसान ने अपने खेत में मेहनत से लगाई सोयाबीन की फसल को ट्रैक्टर से रौंद डाला। किसान ने उपज का सही दाम नहीं मिलने पर फसल को बर्बाद किया। किसान के फसल पर ट्रैक्टर चलाने के मामले में प्रदेश में सियासत भी तेज हो गई है। पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने प्रदेश की बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए सवाल उठाए है।
पूरा मामला मंदसौर जिले के गरोठ के देवरिया गांव का है। यहां के किसान कमलेश पाटीदार ने 12 बीघा खेत में खड़ी सोयाबीन फसल पर ट्रैक्टर और रोटावेटर से पूरी फसल को रौंद डाला। किसान का कहना है कि उसे उसकी फसल का सही भाव नहीं मिल रहा था। किसान के खेत में फसल पर ट्रैक्टर चलाने का वीडियो भी सामने आया है।
जीतू पटवारी ने बीजेपी सरकार को घेरा
मंदसौर के किसान के मामले में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने बीजेपी सरकार पर हमला बोला है। जीतू पटवारी ने सोशल मीडिया एक्स पर मंदसौर के किसान के फसल पर ट्रैक्टर चलाने वीडियो पोस्ट करते हुए चिंता जताई है। किसान कमलेश पाटीदार को बाजार का सही भाव नहीं मिलने को लेकर पीसीसी चीफ पटवारी ने प्रदेश की मोहन सरकार से लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से सवाल किए हैं। साथ ही कहा कि कृषि कल्याण के झूठे दावे बीजेपी की पहचान से जुड़ गए हैं, पीएम मोदी ने भी विधानसभा चुनाव में गेहूं/सोयाबीन के एमएसपी का वादा किया, लेकिन सत्ता में वापसी के बाद बीजेपी ने अपना वादा भुला दिया।
#मंदसौर के #गरोठ में चौंकाने वाला, फिर से चिंता बढ़ाने वाला घटनाक्रम हुआ! किसान श्री कमलेश पाटीदार जी ने #सोयाबीन की फसल पर केवल इसलिए ट्रैक्टर चला दिया, क्योंकि बाजार का भाव नफा की बजाय नुकसान का सौदा दे रहा था!@DrMohanYadav51 जी,
— Jitendra (Jitu) Patwari (@jitupatwari) August 18, 2024
कृषि कल्याण के झूठे दावे @BJP4India की पहचान… pic.twitter.com/c5Unjzytsz
कृषि मंत्री शिवराज सिंह से किया सवाल
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से जीतू पटवारी ने सवाल किया कि गरोठ का गमगीन किसान यह पूछना चाहता है, एमपी के किसान फसल पर कब तक ट्रैक्टर चलाएंगे? फसल का सही दाम नहीं मिलने पर कब तक उपज को सड़क पर फेंकेंगे?
'सोयाबीन की खेती करना घाटे का सौदा'
किसान कमलेश पाटीदार का कहना है कि 12 बीघा जमीन पर सोयाबीन की फसल लगाई थी, जिसे रोटावेटर से हकाई करवा दी है। मैं कई सालों से खेती कर रहा हूं, लेकिन आज के हालातों को देखते हुए सोयाबीन की खेती करना घाटे का सौदा लगने लगा है। किसान का कहना है, अब लागत निकालना भी मुश्किल हो गया है। सोयाबीन की फसल लगाने से अच्छा है खेत को खाली रखें, जिससे उर्वरा शक्ति बची रहे।
किसानों से की ये अपील
इस दौरान किसान कमलेश पाटीदार ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि सभी किसान भाइयों से कहना चाहूंगा कि आने वाले समय में अगर सोयाबीन 3000 से लेकर 3500 रुपए क्विंटल बिकता है तो सोयाबीन फसल की खेती करना घाटे का सौदा होगा। सोयाबीन की खेती करने से अच्छा है कि खेत खाली रख दें। किसान ऐसी फसल लगाए जिसकी लागत आसानी से निकल जाए। साथ ही किसान ने कहा कि आज दवाईओं और खाद बीज का रेट तेजी से बढ़ रहे हैं। लेकिन फसल आज भी उसी 3 हजार से 4 हजार रुपए प्रति क्विंटल पर बनी हुई है।
किसान ने क्यों चलाया खड़ी फसल पर ट्रैक्टर
अपनी फसल को नष्ट करने को लेकर किसान कमलेश ने कहा कि पहले की सोयाबीन 3800 के करीब से रेट से बिकी थी, लेकिन अब जो फसल खड़ी थी, उसके भी दाम उतने ही मिलना था, फसल की लागत निकलना भी मुश्किल है। ऐसे में अपने हाथों से फसल को नष्ट करना ठीक समझा, 4900 का MSP रेट है। इस रेट से लगभग 1500 रुपए कम में बेचने का कोई लाभ नहीं होगा। किसान ने आगे कहा की प्रदेश के मुख्यमंत्री से कहना चाहता हूं कि यदि सोयाबीन MSP रेट से नीचे बिकेगा तो किसानों को काफी नुकसान होगा, सरकार निर्यात करें या भाव बढ़ाएं तभी किसान फायदे में रहेगा।
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