मध्य प्रदेश में मानसून ( Monsoon ) इस साल उम्मीदों पर खरा उतरा है। भोपाल और ग्वालियर समेत प्रदेश के 38 जिलों में सामान्य बारिश का कोटा पूरा हो गया है। यहां 100 से 198 फीसदी बारिश हुई है। श्योपुर ऐसा जिला है, जहां सामान्य से दोगुनी बारिश हुई है, लेकिन इंदौर, उज्जैन और रीवा में इतनी बारिश नहीं हुई है।
मौसम वैज्ञानिक ने क्या बताया?
मध्य प्रदेश के अन्य जिलों की तुलना में रीवा में कम बारिश हुई है। मौसम विभाग ( Weather Department ) के मुताबिक 23 सितंबर से फिर से नया सिस्टम सक्रिय हो रहा है। इससे एक बार फिर प्रदेश में भारी बारिश हो सकती है। दरअसल, मौसम वैज्ञानिक अभिजीत चक्रवर्ती ( Abhijeet Chakraborty ) ने बताया कि 23 सितंबर से कम दबाव के क्षेत्र की सक्रियता देखने को मिलेगी। इसके बाद बारिश का दौर शुरू होने की संभावना है जो सितंबर के आखिरी हफ्ते तक चल सकता है।
दमोह जिले में 20 मिमी बारिश
शनिवार को प्रदेश में मौसम मिलाजुला रहा। दमोह जिले में 20 मिमी बारिश हुई। राजधानी भोपाल में हल्की बूंदाबांदी हुई। नर्मदापुरम में भी हल्की बारिश हुई। इसके अलावा दिन में उमस भी महसूस की गई। खजुराहो में तापमान 35.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
दमोह में बारिश के साथ ही दिन का तापमान 34.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। भोपाल में तापमान 34.8 डिग्री रहा। इसी तरह मंडला, नरसिंहपुर, नौगांव, रीवा, सतना, उमरिया, गुना, ग्वालियर, नर्मदापुरम, रतलाम, उज्जैन में पारा 34 डिग्री सेल्सियस से ऊपर दर्ज किया गया।
अगले 24 घंटों में मौसम की क्या रहेगी स्थिति ?
मौसम विभाग ( Weather Department ) ने अगले 24 घंटों में मध्य प्रदेश का हाल बताया। विभाग के मुताबिक अगले 24 घंटों के दौरान ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, शिवपुरी, निवाड़ी, टीकमगढ़, अशोकनगर, गुना, राजगढ़, आगर-मालवा, उज्जैन, रतलाम, मंदसौर, नीमच, झाबुआ, अलीराजपुर, पन्ना, सतना, रीवा और मऊगंज में धूप खिली रहेगी। जबकि राजधानी भोपाल के अलावा इंदौर, देवास, जबलपुर और उज्जैन समेत अन्य जिलों में गरज-चमक, तेज हवाएं और हल्की बारिश हो सकती है।
इन पांच जिलों में सामान्य बारिश
राज्य के पांच जिले जबलपुर, सीहोर, शाजापुर, पन्ना और नर्मदापुरम ऐसे हैं जहां सामान्य बारिश हुई है। इन जिलों में 96-99% बारिश हुई है। जबलपुर में 99% बारिश हुई है। बता दें कि एमपी में सामान्य बारिश का आंकड़ा 37.6 इंच है, लेकिन अब तक 41.8 इंच पानी प्रदेश को भिगो चुका है।
प्रदेश के 250 से ज्यादा डैम में से करीब 200 भर चुके हैं। कई बांधों के गेट 8 से 10 बार खोले जा चुके हैं। कोलार, केरवा, बरगी, अटल सागर समेत कई बांध अभी भी लबालब भरे हुए हैं।
अंतिम दौर में मानसून
बता दें कि मानसून का मौसम जून से सितंबर के बीच होता है। लेकिन पिछले कुछ सालों के आंकड़ों पर गौर करें तो मानसून अक्टूबर के महीने में विदा होता रहा है। ऐसे में एक बार फिर अनुमान लगाया जा रहा है कि शायद इस बार भी मानसून अक्टूबर में विदा हो।
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