मध्य प्रदेश में नर्सिंग घोटाले ( MP Nursing College ) की जांच में रिश्वतखोरी का खुलासा हुआ है। सीबीआई ने रिश्वतखोरी केस में अभी तक 23 लोगों पर नामजद केस दर्ज किया है। नर्सिंग कालेजों की जांच में रिश्वतखोरी करने वाले एमपी के दो अफसर इंस्पेक्टर की प्रतिनियुक्ति खत्म कर दी गई है। सीबीआई ने दोनों के खिलाफ एक्शन लिया है। वहीं पीएचक्यू इन दोनों अफसरों की वापसी के साथ इन्हें सस्पेंड करने की तैयारी में हैं। ( MP Nursing College scam )
रिश्वतखोरी में मध्य प्रदेश पुलिस के दो इंस्पेक्टर भी शामिल
नर्सिंग घोटाले में आरोपी बनाए गए 23 आरोपियों में से 13 की गिरफ्तारी के बाद सीबीआई ने उन्हें रिमांड पर लिया है। आरोपियों को 29 मई को सीबीआई कोर्ट में पेश किया जाएगा। रिश्वतखोरी से जुड़ी एफआईआर में अब तक चार सीबीआई कर्मियों समेत 23 लोगों के नाम दर्ज किए गए हैं। नामजद सीबीआई के दो इंस्पेक्टर सुशील कुमार मजोखा और ऋषिकांत असाठे मध्य प्रदेश पुलिस के हैं। सुशील कुमार मजोखा और ऋषिकांत असाठे की प्रतिनियुक्ति खत्म कर दी गई है। सीबीआई ने मजोखा को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि असाठे की गिरफ्तारी होना बाकी है। बताया जा रहा है कि जिला पुलिस बल से सीबीआई में प्रतिनियुक्ति पर गए मजोखा और एसएएफ कैडर के अधिकारी रहे हैं।
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वापसी के साथ ही होंगे सस्पेंड
जानकारी के मुताबिक सुशील कुमार मजोखा और ऋषिकांत असाठे की एमपी में वापसी होते ही सस्पेंड कर दिया जाएगा। वहीं सीबीआई में इन्हें प्रतिनियुक्ति पर भेजने के पहले अपनाई गई टेस्ट प्रक्रिया भी सवालों के घेरे में है। कहा जा रहा है कि जिन भी लोगों ने इस प्रक्रिया में हिस्सा लिया था, उनसे भी पूछताछ की जा सकती हैं।
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