नर्सिंग घोटाले में CM मोहन यादव सख्त, अब नर्सिंग विद्यार्थियों की होगी राज्य स्तर पर परीक्षा

मध्यप्रदेश में नर्सिंग कॉलेज घोटाले के बाद राज्य सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है। सीएम डॉ. मोहन यादव ने बैठक के बाद लिए कई बड़े फैसलों पर मुहर लगाई है। 

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Pratibha ranaa
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 MP Nursing College Scam
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मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेज घोटाला मामले में प्रदेश सीएम डॉ. मोहन यादव ने बड़ा एक्शन लिया है। अब इंजीनियरिंग- मेडिकल की तर्ज पर नर्सिंग की परीक्षा भी राज्य स्तर पर आयोजित की जाएगी। केंद्र के नए नर्सिंग एक्ट के तहत राज्य में आयोग गठित होगा। अब नए नर्सिंग कालेज की मान्यता भी राष्ट्रीय आयोग देगा। नर्सिंग कालेज घोटाले में शामिल अधिकारियों को बर्खास्त किया जाएगा। ( MP Nursing College Scam )

सभी दोषियों को किया जाएगा बर्खास्त 

सीएम यादव ( CM Mohan Yadav ) के निर्देश पर मेडिकल एजुकेशन विभाग ने घोटाले को लेकर स्पेशल रोडमैप तैयार किया गया है। इस रोडमैप के तहत उन अधिकारियों और कर्मचारियों की पहचान की जा रही है, जिन्होंने अनफिट नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देने में मदद की थी। इसके बाद उन सभी को उनके वर्तमान पद से बर्खास्त किया जाएगा। नर्सिंग काउंसिल के तत्कालीन रजिस्ट्रार और सचिव पर भी कारवाई की जाएगी।

सवालों के घेरे में सीबीआई

नर्सिंग कॉलेज घोटाले में खुद जांच करने वाली देश की सबसे बड़ी एजेंसी CBI के अधिकारी फंस गए है। नर्सिंग कॉलेजों को उपयुक्त बताते हुए सीबीआई ने जो रिपोर्ट हाई कोर्ट में पेश की थी, वह अब सवालों के घेरे में हैं। फरवरी 2024 में मप्र हाई कोर्ट ने सीबीआई की निरीक्षण रिपोर्ट का हवाला देते हुए ग्वालियर-चंबल अंचल के 5 कॉलेजों को उपयुक्त बताया था। इसी आधार पर इन कॉलेज के छात्र वर्तमान में बीएससी नर्सिंग की परीक्षा भी दे रहे हैं।

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...और खुल गई सीबीआई की रिपोर्ट की कलई 

बताया जा रहा है कि ग्वालियर के 3 कॉलेजों की जब जांच की गई तो सीबीआई की रिपोर्ट की कलई खुल गई। ग्वालियर के सबसे पुराने नर्सिंग कॉलेज में से एक, ग्रंथम कॉलेज के परिसर में मैरिज गार्डन खोल लिया गया है। जबकि शिवपुरी लिंक रोड स्थित जिन दो कॉलेजों को रिपोर्ट में उपयुक्त बताया गया है, उन कॉलेज का प्रबंधन मेडिकल विवि को पत्र लिखकर कॉलेज बंद करने के लिए आवेदन दे चुके हैं। जांच में पचा चला कि अस्पताल पांच महीने से बंद है और एक कॉलेज में 10 से 12 छात्र ही हैं। इसके अलावा कॉलेज और अस्पताल के एक जैसे हालात है, वहां ना स्टाफ और ना ही डॉक्टर है। 

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