मध्य प्रदेश में खनन क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं, और जल्द ही राज्य में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस के भंडारों की खोज शुरू होने जा रही है। भोपाल में आयोजित दो दिवसीय माइनिंग कॉन्क्लेव के दौरान इस विषय पर गहन चर्चा हुई। राज्य के विंध्य, सतपुड़ा, साउथ रीवा, दमोह, और नर्मदा वैली जैसे क्षेत्रों में हाइड्रोकार्बन के भंडार होने की संभावना जताई गई है।
प्रदेश में हाइड्रोकार्बन के भंडार
2017 में की गई हाइड्रोकार्बन रिसोर्स असेसमेंट स्टडी के अनुसार, मध्य प्रदेश में लगभग 5 लाख 55 हजार 254 मिलियन टन हाइड्रोकार्बन के भंडार हो सकते हैं। शहडोल और उमरिया जिलों में पेट्रोलियम एक्सप्लोरेशन का लाइसेंस ओएनजीसी को पहले ही मिल चुका है, जहां अगले 20 सालों में करीब 3500 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा। इसके अलावा, बैतूल, छिंदवाड़ा, और नर्मदापुरम में भी पेट्रोलियम भंडार की संभावनाएं हैं, जहां इनवेनियर पेट्रोडाइन लिमिटेड को पेट्रोलियम एक्सप्लोर करने का लाइसेंस दिया गया है। यहां 5000 करोड़ रुपए का निवेश होने की संभावना है।
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पेट्रोलियम की खोज के लिए तैयारियां
मध्य प्रदेश में 8 ब्लॉक ऐसे हैं, जहां जल्द ही पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस की खोज शुरू की जाएगी। इसमें विंध्य क्षेत्र के 6 ब्लॉक, सतपुड़ा-साउथ रीवा, और नर्मदा के एक-एक ब्लॉक शामिल हैं। यहां की 17,628 वर्ग किलोमीटर भूमि को संबंधित कंपनियों को सौंपा जाएगा।
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राज्य सरकार की योजनाएं और निवेश
मध्य प्रदेश सरकार खनन और खनिज से राजस्व बढ़ाने की योजना बना रही है, जिससे राज्य झारखंड को पीछे छोड़ सके। मुख्य सचिव अनुराग जैन ने माइनिंग कॉन्क्लेव का उद्घाटन करते हुए राज्य में खनन की संभावनाओं को बढ़ावा देने के लिए जोर दिया।
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