आउटसोर्स कर्मचारियों का बड़ा ऐलान, विधानसभा सत्र के बीच आंदोलन की तैयारी

मध्य प्रदेश के आउटसोर्स और अस्थायी कर्मचारियों ने 10 मार्च से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र के दौरान आंदोलन शुरू करने का फैसला लिया है। 10 मार्च को डीपीआई, विकास भवन और एनएचएम कार्यालयों पर धरने दिए जाएंगे। 

author-image
Sandeep Kumar
New Update
mp outsourcing employee morcha
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

मध्य प्रदेश के आउटसोर्स और अस्थायी कर्मचारियों ने 10 मार्च से शुरू होने वाले विधानसभा के बजट सत्र के दौरान निर्णायक आंदोलन शुरू करने का फैसला लिया है। यह फैसला शनिवार को हुई कोर कमेटी, जिलाध्यक्षों और प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक में लिया गया। कर्मचारियों का यह आंदोलन सरकार से न्यूनतम वेतन, लघु कैडर बनाने, विभाग में संविलियन, और नौकरी से हटाए गए कर्मचारियों को वापस लेने की मांग करेगा।

ये खबर भी पढ़िए...हमीदिया अस्पताल: 100 आउटसोर्स कर्मचारियों को हटाने का नोटिस

आउटसोर्स कर्मचारियों की मुख्य मांगें

आंदोलन की मुख्य मांगों में विभाग से सीधे वेतन भुगतान, आउटसोर्स कंपनियों को हटाकर कर्मचारियों को विभाग से वेतन देने की मांग प्रमुख है। मोर्चा की बैठक में यह तय किया गया कि 9 मार्च को पं. दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा पर सभी कर्मचारी एकत्रित होंगे। इसके बाद वे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को ज्ञापन देने भाजपा मुख्यालय जाएंगे। उन्हें आउटसोर्स और अस्थायी कर्मचारियों के साथ हो रहे अन्याय के बारे में जानकारी देंगे और सरकार से न्याय की मांग करेंगे।

ये खबर भी पढ़िए...कर्मचारी आंदोलन से पहले कमलनाथ का वादा, सत्ता में आते ही लागू होगी पुरानी पेंशन स्कीम

10 मार्च को धरना देने की तैयारी

10 मार्च को डीपीआई, विकास भवन और एनएचएम कार्यालयों पर एक साथ धरने होंगे। इन धरनों में शिक्षा, स्वास्थ्य और पंचायतों के कर्मचारी भी शामिल होंगे। आंदोलनकारियों का उद्देश्य कंपनियों के माध्यम से भुगतान को समाप्त करके विभाग से सीधे वेतन देने की मांग करना है। 

ये खबर भी पढ़िए...51 सूत्रीय मांगों को लेकर मध्य प्रदेश के कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने उठाई आवाज

धरने से पहले सौपेंगे ज्ञापन

इसके साथ ही, 3-4 मार्च को भाजपा और कांग्रेस विधायकों को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देने की योजना है। ताकि विधानसभा में आउटसोर्स और अस्थायी कर्मचारियों के मुद्दे को उठाया जा सके।

ये खबर भी पढ़िए...400 KM गाड़ी दौड़ाकर देर रात महिला कर्मचारी के घर पहुंचे SDO, फिर ऐसे फंसे कि....

प्रदेश में दो तरह से आंदोलन

कर्मचारी मोर्चा के अध्यक्ष वासुदेव शर्मा ने कहा कि प्रदेश में कर्मचारियों के दो तरह के आंदोलन चल रहे हैं। पहला आंदोलन उन कर्मचारियों का है, जो सरकारी विभागों में भुखमरी जैसे वेतन पर काम कर रहे हैं और जिन्हें सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम वेतन और अन्य सुविधाएं नहीं मिल रही हैं।

 

 

मध्य प्रदेश MP News आउटसोर्स कर्मचारी MP विधानसभा सत्र आउटसोर्स कर्मचारी मध्यप्रदेश आउटसोर्स कर्मचारी न्यूज एमपी हिंदी न्यूज hindi news