BHOPAL. निमाड़ और मालवा क्षेत्र के श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत पवित्र मानी जाने वाली पंचकोशी नर्मदा परिक्रमा यात्रा 11 नवंबर को ओंकारेश्वर से आरंभ होगी। इस धार्मिक यात्रा के दौरान हजारों श्रद्धालु 50 किमी की दुर्गम यात्रा करते हुए विभिन्न गांवों और धार्मिक स्थलों का दौरा करेंगे। यात्रा का समापन 15 नवंबर को ओंकारेश्वर में होगा। इस यात्रा की तैयारियों के मद्देनजर अधिकारियों ने बैठकों का आयोजन किया है, जिनमें यात्रा मार्ग पर सुरक्षा और सुविधा के सभी आवश्यक इंतजाम किए जा रहे हैं।
यात्रा का मार्ग और तैयारियां
इस यात्रा का मुख्य मार्ग ओंकारेश्वर से अंजरुद, सनावद, टोकसर, सेमरला, बड़वाह, और सिद्ध्वरकूट होते हुए ओंकारेश्वर तक जाता है। एसडीएम प्रताप सिंह अगास्या ने पंचायत सचिव से लेकर खंड स्तरीय अधिकारियों तक सभी से यात्रा के दौरान उनकी जिम्मेदारियों को ईमानदारी से निभाने का आग्रह किया। यात्रा मार्ग पर सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। हर ग्राम पंचायत को अपने क्षेत्रों में सफाई, प्रकाश व्यवस्था, पानी, शौचालय, और अन्य जरूरी सेवाओं का प्रबंध करने के निर्देश दिए गए हैं।
सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं
यात्रा के दौरान यात्रियों की सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। श्रद्धालुओं को लाइफ जैकेट पहनने के निर्देश दिए गए हैं, और लोहे की नावों का उपयोग पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है। नावों में क्षमता से अधिक यात्रियों को बैठने की अनुमति नहीं होगी। एसडीओपी अर्चना रावत के अनुसार, यात्रा मार्ग पर विभिन्न स्थानों पर पुलिस सहायता केंद्र, स्वास्थ्य परीक्षण शिविर, और गोताखोरों की तैनाती की जाएगी।
यात्रा का कार्यक्रम
पहला दिन (11 नवंबर) : ओंकारेश्वर से आरंभ होगी यात्रा और श्रद्धालु अंजरुद गाँव में बाघेश्वरी माता के दर्शन करेंगे। सनावद में रात्रि विश्राम होगा, जहाँ यात्रियों के लिए पेयजल, शौचालय, और प्रकाश व्यवस्था की जाएगी।
दूसरा दिन (12 नवंबर) : बडूद से टोकसर और गोमुख घाट तक यात्रा होगी। यहां से श्रद्धालुओं को नाव के माध्यम से नर्मदा नदी पार कराई जाएगी। सेमरला में स्वास्थ्य शिविर और अन्य सेवाएं उपलब्ध रहेंगी।
तीसरा दिन (13 नवंबर) : बड़वाह में यात्रा पहुंचेगी, जहां नगर पालिका द्वारा साफ-सफाई, पानी, और प्रकाश की व्यवस्था की जाएगी।
चौथा दिन (14 नवंबर): बड़वाह से कोठावां और मोदरी की ओर यात्रा होगी। स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न स्थानों पर स्वास्थ्य परीक्षण कैंप लगाए जाएंगे।
पांचवां दिन (15 नवंबर): सिद्ध्वरकूट से ओंकारेश्वर के लिए प्रस्थान होगा, जहां यात्रा का समापन किया जाएगा।
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