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महिला सुरक्षा के मामले में मध्य प्रदेश से फिर से परेशान करने वाली घटना सामने आई है। दूर- दराज के इलाके तो छोड़िए पुलिस मुख्यालय में भी अब महिलाएं सुरक्षित नहीं है। बीते दिनों सीधी रेप कांड के खुलासे के बाद अब महिलाओं के साथ छेड़-छाड़ की आग राजधानी स्थित पुलिस मुख्यालय तक भी पहुंच गई है। रविवार को भोपाल स्थित मध्य प्रदेश पुलिस मुख्यालय में एक एसआई के महिला सफाई कर्मी से छेड़छाड़ का मामला सामने आया है।
एसआई ने सफाई कर्मी से की छेड़-छाड़
महिला से बदसलूकी का मामला मध्य प्रदेश पुलिस मुख्यालय की इंटेलिजेंस विंग के तहत आने वाले स्टेट सिचुएशन सेंटर का है। रविवार सुबह एक महिला सफाई कर्मी दफ्तर के अंदर सफाई करने पहुंची थी। इस समय एसआई पीयूष मणि तिवारी कमरे में ही मौजूद था। सफाईकर्मी ने उसे बाहर जाने कहा। इस पर एसआई तिवारी ने महिला से सफाई जारी रखने को कहा, वह बाहर नहीं गया।
थोड़ी देर बार एसआई ने मौका देखते ही पीछे से महिला सफाईकर्मी को पकड़ लिया। महिला के विरोध करने के बाद भी एसआई ने उसे नहीं छोड़ा साथ ही पीयूष मणि तिवारी महिला के साथ बदतमीजी करने लगा। महिला के शोर मचाने पर पुलिस मुख्यालय के अन्य लोग वहां पहुंच गए। लोगों ने महिला को एसआई के चंगुल से छुड़ाया। घटना के बाद महिला पुलिसकर्मी ने जहांगीराबाद थाने में एसआई के खिलाफ आवेदन दिया है।
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SI को सस्पेंड कर दिया है
इंटेलिजेंस विंग के आईजी अंशुमान सिंह ने द सूत्र को बताया कि उन्हें इस मामले में सुपरवाइजर की ओर से लिखित में सूचना मिली है। मामला बेहद गंभीर है, इसलिए तत्काल प्रभाव से संबंधित सब इंस्पेक्टर पीयूष मणि तिवारी को सस्पेंड कर दिया है। इस मामले की विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है। पीड़ित महिला FIR करने के लिए स्वतंत्र है। पुलिस नियमानुसार कार्यवाही करेगी।
क्या है स्टेट सिचुएशन सेंटर ?
स्टेट इंटेलिजेंस विंग के तहत आने वाला स्टेट सिचुएशन सेंटर, पुलिस की एक बेहद महत्वपूर्ण शाखा होती है। पूरे प्रदेश की हर हरकत पर इस इस शाखा के अधिकारी- कर्मचारी बेहद पैनी नजर रखते हैं। नेताओं के दौरों, सभाओं और लॉ- एंड ऑर्डर की स्थिति पर इस विंग की पहनी नजर रहती है। इसके अलावा जरूरत पड़ने पर वीडियो रिकॉर्डिंग्स की फीड लेने की जिम्मेदारी भी इनके पास रहती है। संदेह होने पर यह विंग संबंधित व्यक्तियों की कॉल रिकॉर्डिंग भी करती है। संक्षेप में कहें तो प्रदेश की नब्ज पर इस विंग की पैनी नजर रहती है। यह विंग 24 घंटे काम करती है, जिसमें हर समय 8 से 10 लोग सक्रिय रूप से काम करते हैं।