BHOPAL. मध्य प्रदेश पुलिस मुख्यालय द्वारा वर्ष 2020 के लिए प्रतिष्ठित केएफ रुस्तमजी पुरस्कार की घोषणा की गई है। इस बार 45 पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए सम्मानित किया गया है।
यह पुरस्कार मध्य प्रदेश शासन गृह विभाग द्वारा 22 अगस्त 2013 को प्रकाशित केएफ रुस्तमजी पुरस्कार नियम 2013 के प्रावधानों के तहत दिए गए हैं। इन पुरस्कारों का उद्देश्य पुलिस कर्मचारियों की कड़ी मेहनत और समर्पण को पहचानना है।
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पुरस्कार की श्रेणियां और विजेता
1. परम विशिष्ट श्रेणी (Param Vishisht Category)
इस श्रेणी में तीन प्रमुख अधिकारियों को रिवाल्वर और प्रमाणपत्र से सम्मानित किया गया। ये अधिकारी थे:
राजेश सहाय: तत्कालीन जोनल पुलिस अधीक्षक, विशेष शाखा इंदौर (वर्तमान में पुलिस अधीक्षक, लोकायुक्त इंदौर)
राजेश तिवारी: तत्कालीन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, नरसिंहपुर (वर्तमान में सेवानिवृत्त महिला सुरक्षा, जबलपुर)
ओम प्रकाश चौंगडे: तत्कालीन उप निरीक्षक, थाना मझगवां, सतना (वर्तमान में कार्यवाहक निरीक्षक, बड़वानी)
इन अधिकारियों को उनकी शानदार सेवाओं और कड़ी मेहनत के लिए सम्मानित किया गया।
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2. अति विशिष्ट श्रेणी (Ati Vishisht Category)
इस श्रेणी में अधिकारियों और कर्मचारियों को 12-बोर गन और प्रमाणपत्र से सम्मानित किया गया। सम्मानित होने वाले कुछ अधिकारी थे:
मनोज शर्मा: निरीक्षक, अनुभाग 3, विशेष शाखा, मुख्यालय भोपाल
ज्योति तिवारी: तत्कालीन महिला आरक्षक, विशेष किशोर इकाई, सागर (वर्तमान में कार्यवाहक प्रधान आरक्षक)
3. विशिष्ट श्रेणी (Vishisht Category)
इस श्रेणी में 45 अधिकारियों और कर्मचारियों को 50,000 रुपये और प्रमाणपत्र से पुरस्कृत किया गया। इन अधिकारियों में सहायक पुलिस महानिरीक्षक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, उप पुलिस अधीक्षक, निरीक्षक, उप निरीक्षक, सहायक उप निरीक्षक, प्रधान आरक्षक और आरक्षक शामिल थे। कुछ प्रमुख अधिकारी जिनका उल्लेख किया गया, वे थे:
शालिनी दीक्षित (तत्कालीन सहायक पुलिस महानिरीक्षक)
संदेश कुमार जैन (तत्कालीन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक)
निशा रेड्डी (तत्कालीन एसडीओपी)
अवनीत शर्मा (तत्कालीन निरीक्षक)
संकेत शर्मा (सउनि, प्रशासन शाखा)
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पुरस्कार की राशि और प्रक्रिया
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पुरस्कार की राशि संबंधित अधिकारी/कर्मचारी की वेतन मद से दी जाएगी। विशिष्ट श्रेणी के पुरस्कार की राशि उस इकाई द्वारा आहरित की जाएगी, जिसमें संबंधित अधिकारी/कर्मचारी वर्तमान में तैनात हैं। यह प्रक्रिया कर्मचारियों को उनकी समर्पित सेवाओं के लिए प्रोत्साहन देने का एक तरीका है।
एनकाउंटर के बाद चर्चा में आए थे राजेश तिवारी
जबलपुर में राजेश तिवारी गोरखपुर थाने में थाना प्रभारी और उसके बाद सीएसपी बने थे। उसके बाद उनका नरसिंहपुर ट्रांसफर हो गया था जहां पर वहां महिला सुरक्षा एडिशनल एसपी थे। राजेश तिवारी एक एनकाउंटर के मामले में चर्चा में रहे थे। जबलपुर के आदतन अपराधी और कांग्रेस नेता राजू मिश्रा हत्याकांड के आरोपी विजय यादव और उसके साथी समीर का उन्होंने एनकाउंटर किया था। जिस पर परिवार जनों के द्वारा आपत्ति भी उठा कर जांच की मांग भी की थी। राजेश तिवारी अभी सेवानिवृत्ति हैं और सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारियों के एसोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं जिन्हें परम विशिष्ट श्रेणी रुस्तम जी अवार्ड में एक रिवाल्वर और प्रमाण पत्र देने के लिए चयनित किया है।
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पुरस्कारों का महत्व
केएफ रुस्तमजी पुरस्कार न केवल एमपी पुलिस अधिकारियों के कार्यों की सराहना करता है, बल्कि यह समाज में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए उनकी भूमिका को भी उजागर करता है। इन पुरस्कारों का उद्देश्य पुलिस कर्मियों की उत्कृष्टता को पहचानने और उन्हें प्रेरित करने का है, ताकि वे अपनी कर्तव्यों को और भी बेहतर तरीके से निभा सकें।
भविष्य में पुरस्कार के लिए संभावनाएं
यह पुरस्कार पुलिस विभाग में काम करने वाले अन्य अधिकारियों के लिए एक आदर्श प्रस्तुत करता है और उन्हें अपने कर्तव्यों के प्रति समर्पित रहने की प्रेरणा देता है। इसके साथ ही यह मध्य प्रदेश के पुलिस विभाग में काम करने वाले सभी कर्मचारियों को यह संदेश देता है कि उनकी मेहनत और समर्पण की सराहना की जाएगी।
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