MP police recruitment fraud : मध्यप्रदेश जिला अदालत ( Madhya Pradesh District Court ) की सीबीआई कोर्ट ( CBI Court ) ने साल 2012 में आरक्षक भर्ती फर्जीवाड़ा में गड़बड़ी के मामले में 11 आरोपियों को दोषी करार दिया है। सीबीआई कोर्ट ने आरोपियों को 7-7 साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही सभी आरोपियों पर 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
ये है मामला
मामला 30 सितंबर 2012 को हुई आरक्षक भर्ती परीक्षा का है। व्यापमं द्वारा 2012 में हुई आरक्षक भर्ती परीक्षा में छल से कैंडिडेट के स्थान पर दूसरे व्यक्ति ने परीक्षा दी थी। जिसमें 6 कैंडिडेट लोकेन्द्र कुमार धाकड़, अविनाश जयंत, राजेश प्रजापति, भूरा रावत, राधेश्याम यादव और विकाश रावत ने अपने स्थान पर किसी अन्य व्यक्ति को परीक्षा में बैठा कर लिखित परीक्षा पास की थी।
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कैंडिडेट लोकेन्द्र कुमार धाकड़ के स्थान पर हेमंत सिंह जाट ने, कैंडिडेट अविनाश जयंत के स्थान पर सर्वेश कुमार झा ने, कैंडिडेट राजेश प्रजापति के स्थान पर नरेश प्रजापति ने, कैंडिडेट भूरा रावत के स्थान पर रामवीर सिंह रावत ने, कैंडिडेट राधेश्याम यादव के स्थान पर अज्ञात ने और कैंडिडेट विकाश रावत के स्थान पर हरिओम तोमर ने परीक्षा दी थी। जब परीक्षा का परिणाम आया तो 6 अभ्यार्थी पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा 2012 में प्रथम श्रेणी में पास हो गए थे।
इन आरोपियों को सुनाई सजा
आज न्यायालय ने कई गवाहों दस्तावेजों और आर्टिकल्स के आधार पर 6 अभ्यथियों लोकेन्द्र कुमार धाकड़, अविनाश जयंत, राजेश प्रजापति, भूरा रावत, राधेश्याम यादव तथा विकाश रावत और 05 प्रतिरूपको हेमंत सिंह जाट, सर्वेश कुमार झा, नरेश प्रजापति, रामवीर सिंह रावत तथा हरिओम तोमर को सजा सुनाई है। इसके साथ ही सभी को न्यायालय ने 7-7 साल कठोर कारावास और दस-दस हजार रुपए जुर्माना से दंडित किया है।
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