मप्र लोक सेवा आयोग (पीएससी) से अगले भर्ती कैलेंडर 2025 पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं। सामान्य तौर पर यह सितंबर-अक्टूबर में जारी किया जाता है। आयोग ने इंटरव्यू के लिए कैलेंडर जारी किया है, लेकिन भर्ती परीक्षाओं का कैलेंडर अभी तक नहीं आया है। खासतौर पर राज्य सेवा परीक्षा 2025 को लेकर सभी की उम्मीदें हैं। इसमें अभी जो ताजा अपडेट द सूत्र के पास है वह वैसे उम्मीदवारों के लिए उत्साहित करने वाली तो बिल्कुल नहीं है।
यह है राज्य सेवा परीक्षा 2025 को लेकर हाल
इसमें अभी तक खबर यह है कि मप्र शासन के विभागों ने अभी तक राज्य सेवा परीक्षा 2025 के लिए खाली पदों की जानकारी ही नहीं भेजी है। जी हां अभी तक इस परीक्षा को लेकर रिक्त पदों की जानकारी नहीं आई है। इसके लिए आयोग लगातार भोपाल से पत्राचार कर रहा है, लेकिन सरकारी विभागों की सुस्ती अभी तक नहीं उड़ी है। इसी के चलते आयोग इसके लिए अभी तक कोई शेड्यूल ही तय नहीं कर पाया है। इस परीक्षा को लेकर रिक्त पदों की जानकारी नहीं आने के चलते अन्य शेड्यूल भी जारी नहीं हुए हैं, वैसे भी अन्य परीक्षाओं के लिए विभागों से अभी कोई खास जानकारी आयोग को नहीं भेजी गई है।
फिर कब तक होगी स्थिति क्लीयर
आयोग लगातार भोपाल से पत्राचार कर रहा है। आयोग की मंशा है कि विभागों से स्थिति साफ हो तो भर्ती के लिए फिर नवंबर-दिसंबर में विज्ञप्ति जारी करें। जल्दबाजी नहीं की जा रही है, क्योंकि 2024 की भर्ती में पहले केवल 60 पदों के लिए विज्ञप्ति आई थी। बाद में केवल 50 पद और बढ़े, जिससे कुल 110 पदों के लिए परीक्षा हुई। इससे उम्मीदवार काफी निराश हुए। बाद में पद बढ़ने की संभावना बहुत ज्यादा नहीं रहती है, ऐसे में आयोग चाहता है कि पहले अधिक से अधिक जानकारी आ जाए।
बहुत कम पद आने से उम्मीदवार तनाव में
राज्य सेवा परीक्षा में साल 2019 की और 2022 की परीक्षा को छोड़ दें तो पदों का आकंड़ा 250 को भी नहीं छू सका है। इसके चलते परीक्षाओं का कटऑफ बहुत ज्यादा जा रहा है। उधर इनके चलते उम्मीदवारों के फार्म भरने में भी कमी आई है। राज्य सेवा परीक्षा प्री 2024 के लिए तो मात्र 1.80 लाख ने ही फार्म भरे और केवल 1.50 लाख ही परीक्षा देने पहुंचे थे। एक समय इन परीक्षाओं में साढ़े तीन से चार लाख उम्मीदवार आवेदन भरते थे।
इन परीक्षाओं में इतने पद आए दस साल में
- साल 2024- 110 पद
- साल 2023- 229 पद
- साल 2022- 457 पद
- साल 2021- 290 पद
- साल 2020- 261 पद
- साल 2019- 571 पद
- साल 2018- 202 पद
- साल 2017- 190 पद
- साल 2016- 225 पद
- साल 2015- 358 पद
- साल 2014- 591 पद
भर्ती को लेकर सक्रिय नहीं सरकार
उधर, बिहार जैसे राज्य में पीएससी में डेढ़ हजार से ज्यादा पद आ रहे हैं। ऐसे में उम्मीदवार बार-बार अन्य राज्यों का भी हवाला दे रहे हैं। ऐसा नहीं कि पीएससी में यह हो रहा है, ईएसबी के भी यही हाल है। एसआई जैसी भर्ती सात साल से हुई ही नहीं है। सब इंजीनियर की परीक्षा हो रही है तो उंगली पर गिने जाने लायक पद है। परीक्षा कैलेंडर के भी अते-पते नहीं है। युवाओं को लगने लगा है कि मप्र में सरकारी भर्ती के नाम पर केवल सपने दिखाए जा रहे हैं, धरातल पर कुछ नहीं हो रहा है। बीती सरकार और सीएम रहे शिवराज सिंह चौहान के एक लाख नौकरी के वादे 30 हजार से कम पर सिमट गए। नई मोहन सरकार का भी इसमें कोई अधिक अहम पहल नहीं दिख रही है।
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