मप्र लोक सेवा आयोग (एमपी पीएससी) मेन्स 2023 को लेकर जबलपुर हाईकोर्ट में एक बार फिर मंगलवार (24 सितंबर) को सुनवाई हुई। एक्टिंग चीफ जस्टिस की बेंच में करीब तीन मिनट तक सुनवाई चली। इसके बाद तय हुआ कि इसमें अभी अत्यंत आवश्यक वाला मुद्दा नहीं है, इसलिए इसकी सुनवाई दो सप्ताह बाद रखी जाएगी।
एजी प्रशांत सिंह ने यह रखे तर्क
एजी प्रशांत सिहं शासन और पीएससी की तरफ से पहुंचे थे। उन्होंने शार्ट में मामला बताया कि सिंगल बेंच ने पीएससी प्री 2023 के दो सवालों को लेकर फैसला दिया था और रिजल्ट रिवाइज करने के आदेश थे, जिस पर स्टे हुआ था। यही मामला है, इसमें हमने स्टे के बाद भी याचिकाकर्ताओं को मेन्स में बैठने दिया था और कोई रोक नहीं लगाई। इस पर बेंच ने पूछा कि यह इतना जरूरी है कि इसे अभी सुना जाए, इस पर एजी ने कहा नहीं। हालांकि याचिकर्ता उम्मीदवारों के अधिवक्ता अंशुल तिवारी ने सुनवाई पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अब मेन्स 2023 का भी रिजल्ट आना है, लेकिन बेंच ने इसमें दो सप्ताह बाद सुनवाई की बात कही। कारण है कि अब नए चीफ जस्टिस की नियुक्ति हो गई है, ऐसे में रेगुलर बेंच द्वारा ही सुनवाई की जाएगी।
यह है पूरा मामला
राज्य सेवा परीक्षा प्री 2023 दिसंबर में हुई थी और फिर जनवरी 2024 में रिजल्ट आकर मात्र 50 दिनों में ही इसकी मेन्स भी मार्च में आयोजित कराई गई। प्री के रिजल्ट के बाद 150 से ज्यादा उम्मीदवारों ने आंशर की को लेकर सवाल उठाए, जो करीब सात सवालों पर थे। हालांकि बेंच ने केवल दो सवालों को संज्ञान में लिया और उनपर पीएससी के आंसर को गलत बताया। इसमें सभी याचिकाकर्ता जिन्होंने आपत्ति लगाई थी उन्हें सशर्त मेन्स में बैठने के आदेश हुए, लेकिन डिटेल आर्डर जारी नहीं किया।
बाद में राज्य सेवा मेन्स होने के बाद 16 मई को डिटेल आर्डर आया और दो सवालों को गलत बताया। इसके साथ ही कहा कि नए जवाब के आधार पर राज्य वन सेवा 2023 प्री का रिजल्ट रिवाइज किया जाए और मेन्स कराई जाए, क्योंकि तब तक राज्य सेवा की तो मेन्स हो गई, लेकिन वन सेवा की बाकी थी। इस फैसले के खिलाफ आयोग तत्काल अपील में चला गया और स्टे ले आया। तभी से यह केस चल रहा है।
यह दो सवालों को लेकर था फैसला
प्रेस की स्वतंत्रता वाले विलियम बैंटिंक के सवाल को हाईकोर्ट ने गलत माना था। इसी तरह कबड्डी संघ के मुख्यालय के सवाल पर भी पीएससी के जवाब को गलत माना और नया आंसर दूसरा बताया। इन दो सवालों के आधार पर जबलपुर हाईकोर्ट ने कहा कि इन दो सवालों का लाभ केवल हाईकोर्ट आने वालों को नहीं बल्कि सभी प्रभावित उम्मीदवार कों मिलेगा। यानी यह सभी उम्मदीवार जो इन दो सवालों के कारण कटऑफ पर अटक गए थे, वह सभी इसका लाभ लेने वालों में आ सकते हैं।
इसी आधार पर जस्टिस ने कहा कि वन सेवा क्योंकि नहीं हुई तो इसका प्री का रिजल्ट संशोधित किया जाए। इसी आधार पर मेन्स हो, लेकिन राज्य सेवा मेन्स 2023 हो चुकी है इसलिए इसके लिए अलग से आदेश नहीं हो सकते हैं। इन सवालों का लाभ लेन के सभी पात्र है, जो एक पर लागू वह सभी पर भी होगा। इसके बाद आयोग ने अपील दायर की और स्टे लिया।
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