संजय गुप्ता, INDORE. राहुल गांधी ने यूपी में बुधवार ( 17 अप्रैल ) को प्रेस कांफ्रेस में दावा किया है कि 15-20 दिन पहले लग रहा था कि बीजेपी को 180 सीट मिलेगी लेकिन अब बीजेपी 150 सीट पर सिमट जाएगी। हर राज्य में हमारे पक्ष में अंडर करंट की खबर है, हम लगातार मजबूत हो रहे हैं। राहुल को मप्र में 14-15 सीटों पर अंडर करंट की उम्मीद है।
हाईप्रोफाइल सीटों में दिग्गी, नाथ से उम्मीद, सिंधिया की गुना सीट से नहीं
राहुल गांधी ( Rahul Gandhi ) ने कुछ दिन पहले दिल्ली में मप्र के नेताओं से बात की थी। फीडबैक लिया था। इसमें कांग्रेस मान रही है कि पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह राजगढ से सीट निकाल रहे हैं। वहीं छिंदवाड़ा में पूर्व सीएम कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ की भी सीट निकल जाएगी। हालांकि पूर्व कांग्रेस नेता और अब बीजेपी के हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया की सीट गुना पर कांग्रेस अपने पाले में नहीं गिन रही है। जब 2019 में वह कांग्रेस में थे, तब उनकी यहां बीजेपी प्रत्याशी से हार हुई थी।
मालवा-निमाड़ में इन तीन सीट पर कांग्रेस को अधिक उम्मीद
धार- यहां से बीजेपी से पूर्व सांसद सावित्री ठाकुर है और कांग्रेस से राधेश्याम मुवाल है। इस सीट को कांग्रेस मजबूत मान रही है। बीजेपी ने इस बार छतरसिंह दरबार का टिकट काटा है। मुवाल राहुल गांधी की टीम से जुड़े रहे हैं। कांग्रेस की सबसे बड़ी चिंता धार और महू से बीजेपी को मिलने वाली भारी लीड है, जो कांग्रेस के विधायक उन्हें उनकी सीट से नहीं दिला पाते हैं।
रतलाम- झाबुआ- यहां से पहले ही चार बार सांसद रह चुके कांतिलाल भूरिया कांग्रेस के उम्मीदवार है, जो दो बार केंद्रीय मंत्री भी बने। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भी। आदिवासी नेताओं में बड़ा नाम है। 73 साल के हैं। वहीं बीजेपी से वनमंत्री नागर सिंह चौहान की पत्नी अनिता सिंह को टिकट मिला है। जो अलीराजपुर जिला पंचायत अध्यक्ष है।
खरगोन- यहां से बीजेपी ने वर्तमान सांसद गजेंद्र पटेल को ही फिर टिकट दिया है। वह एसटी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी है। वहीं कांग्रेस ने इस बार पोरलाल खरते को टिकट दिया है जो कमर्शियल टैक्स विभाग में इंस्पैक्टर रहे थे। कांग्रेस में महामंत्री है, आदिवासियों के अधिकारों के लिए लड़ने के लिए चर्चा में रहे हैं।
कांग्रेस की उम्मीद वाली यह भी सीटें
छिंदवाड़ा- यह सीट 1980 से लगातार कमलनाथ परिवार के पास ही है (एक बार उपचुनाव में 1997 में सुंदरलाल पटवा जीते थे)। 2019 चुनाव में मप्र में इकलौती सीट थी जो नकुलनाथ और कांग्रेस के पाले में गई थी। बीजेपी ने कमलनाथ के सामने विधानसभा चुनाव लड़ चुके विवेक बंटी साहू को टिकट दिया है। लोकसभा चुनाव पहली बार लड रहे हैं, लेकिन यहां पूरी बीजेपी मिशन 29 के तहत तबीयत से लगी हुई है।
राजगढ़- यहां से बीजेपी के रोडमल नागर मैदान में हैं जो 2014 व 2019 दो बार लगातार चुनाव जीत चुके हैं। संघ में पकड़ है। उधर लंबे समय बाद चुनावी मैदान में पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह आए हैं। पूरे क्षेत्र में पदयात्रा कर चुके हैं। उम्र 77 साल है लेकिन हर कोई इनकी फिटनेस का कायल है।
सतना- इस सीट पर बीजेपी ने मौजूदा सांसद गणेशसिंह को फिर टिकट दिया है। लगातार चार बार के सांसद है। हाल ही में विधानसभा चुनाव में हारे थे। कांग्रेस ने 2023 विधानसभा चुनाव में गणेश सिंह को हराने वाले विधायक सिदार्थ कुशवाहा पर ही भरोसा जताया है।
रीवा- यहां बीजेपी ने जनार्दन मिश्रा को टिकट दिया है, जो लगातार दो बार के सांसद है। उम्र 70 साल है। वहीं कांग्रेस ने 2013 में बीजेपी से सेमरिया विधायक रही और 2018 में कांग्रेस में आई नीलम मिश्रा को टिकट दिया है। पति अभय मिश्रा कांग्रेस विधायक है।
मंडला- यहां से बीजेपी ने फिर फग्गनसिंह कुलस्ते को टिकट दिया है, जो 6 बार के सांसद है। हालांकि विधानसभा चुनाव में हार मिली थी। वहीं कांग्रेस ने चार बार के डिंडौरी विधायक ओमकार सिंह मरकाम को टिकट दिया है। 2014 में भी लड़े थे, लेकिन हार गए थे।
नर्मदापुरम- यहां से बीजेपी ने दर्शन सिंह चौधरी फिर मैदान में हैं। किसान नेता हैं। उधर कांग्रेस ने संजय शर्मा को टिकट दिया है, जो दो बार बीजेपी की ओर से और एक बार कांग्रेस के टिकट पर विधायक रहे।
मुरैना- विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर के करीबी शिवमंगल तोमर को टिकट मिला है। 2008 में दिमनी से विधायक भी रहे। वहीं कांग्रेस ने सत्यपाल उर्फ नीटू सिकरवार को प्रत्याशी बनाया है, जिन्हें बीजेपी ने 2020 उपचुनाव में भीतरघात के आरोप में पार्टी से निकाला था। वह बीजेपी टिकट पर सुमावली से विधायक रहे हैं।
भिंड़- यहां से बीजेपी की ओर से मौजूदा सांसद संध्या राय मैदान में हैं। यहां से बीजेपी ने 2019 में सांसद रहे डॉ. भागीरथ प्रसाद का टिकट काटकर उन्हें दिया था। वहीं कांग्रेस ने बीएसपी से कांग्रेस में आए फूल सिंह बरैया को टिकट दिया है। वह अभी भांडेर से विधायक भी है।
सीधी- यहां से बीजेपी के टिकट पर डॉ. राजेश मिश्रा है, जो प्रदेश कार्यसमिति सदस्य है और पहले बीएसपी में रहे थे। उधर कांग्रेस से कमलेशवर पटेल मैदान में है। साल 2013 में पहली बार विधायक बने थे, 2018 में कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे। लेकिन 2023 का विधानसभा चुनाव हारे थे।