MP के रतनगढ़ माता मंदिर में उमड़ेगी लाखों भक्तों की भीड़, 8 सेक्टर में बंटा मेला क्षेत्र, हजारों जवान तैनात

मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध रतनगढ़ माता मंदिर लक्खी मेले में 25 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के जुटने की उम्मीद है। 100 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे, ड्रोन और 1800 पुलिस बल की तैनाती से सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद की गई है।

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Kaushiki
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Latest Religious News: मध्य प्रदेश के दतिया जिले में स्थित रतनगढ़ माता मंदिर में सालभर के इंतजार के बाद भक्तों का सबसे बड़ा पर्व तीन दिवसीय लक्खी मेला शुरू हो चुका है। दो दिन 22 और 23 अक्टूबर को लगने वाले इस मेले में 25 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है। 

यह केवल एक मेला नहीं, बल्कि करोड़ों लोगों की श्रद्धा का विराट सैलाब है। यहां राजस्थान से, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा और दूर महाराष्ट्र से भी हजारों-लाखों लोग अपनी हर मनोकामना और मुरादें लेकर नंगे पैर माता के दरबार में माथा टेकने आ रहे हैं।

यह मेला सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि अटूट विश्वास और चमत्कार की उम्मीद का प्रतीक है। खासकर सर्पदंश पीड़ितों के लिए, जिनकी आस्था माता रानी पर सदियों से टिकी हुई है।

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चमत्कार और अटूट विश्वास

रतनगढ़ माता मंदिर की एक बहुत बड़ी और अनोखी मान्यता है जिसके लिए यह पूरे देश में प्रसिद्ध है। मान्यता है कि माता के दरबार में सर्पदंश (सांप का काटना) का जहर उतर जाता है।

इसलिए, मेले के दूसरे दिन यानी बुधवार को सर्पदंश से पीड़ित लोगों के हाथ या पैर में बांधा गया बंध यहां काटा जाता है। यह पल हजारों-लाखों भक्तों के लिए विश्वास और आस्था का प्रतीक होता है। हर कोई यही मानता है कि माता रानी की कृपा से उनके कष्ट दूर हो जाएंगे।

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सुरक्षा में कोई कसर नहीं

प्रशासन ने इस बार माता के इस भव्य दरबार में सुरक्षा को लेकर कोई कसर नहीं छोड़ी है। पिछली कुछ दुखद घटनाओं को ध्यान में रखते हुए, इस बार सुरक्षा व्यवस्था को एकदम चाक-चौबंद किया गया है।

  • 100 सीसीटीवी कैमरे: पूरे मेला क्षेत्र में चप्पे-चप्पे पर नज़र रखने के लिए 100 से ज़्यादा अत्याधुनिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।

  • ड्रोन से निगरानी: भीड़ नियंत्रण और किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत ध्यान देने के लिए ड्रोन कैमरे से लगातार हवाई निगरानी की जा रही है।

  • हजारों जवानों की तैनाती: सेवढ़ा एसडीएम अशोक अवस्थी जी के मुताबिक, पूरे मेला क्षेत्र को सुरक्षा के लिहाज से आठ सेक्टर में बांटा गया है।

  • 1800 पुलिस बल के जवान तैनात किए गए हैं।

  • 1500 अधिकारी-कर्मचारी भीड़ को संभालने और व्यवस्था बनाए रखने के लिए ड्यूटी पर लगाए गए हैं।

  • जिलेभर के अधिकारी और कर्मचारी इस विशाल आयोजन को सफल बनाने के लिए कमर कस कर मैदान में हैं।

  • प्रशासन की यह तैयारी यह सुनिश्चित करती है कि यह लक्खी मेला पूरी तरह से सुरक्षित और व्यवस्थित रहे, ताकि श्रद्धालु बिना किसी डर के माता के दर्शन कर सकें।

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मंदिर की शान: 1935 किलो का सबसे वजनी घंटा

रतनगढ़ माता मंदिर की एक और खास पहचान है यहां लगा हुआ विशाल घंटा। इस घंटे का वजन 1935 किलोग्राम है और इसे देश का सबसे बड़ा और सबसे वजनी घंटा बताया जाता है।

इस घंटे का लोकार्पण 16 अक्टूबर 2015 को तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया था। इसकी गूंज पूरे क्षेत्र में दूर-दूर तक सुनाई देती है, जो भक्ति और आस्था के माहौल को और भी गहरा कर देती है।

2006 में, मड़ीखेड़ा डैम से पानी छोड़े जाने के कारण सिंध नदी (रतनगढ़ में लगता है लक्खी मेला) में एक नाव पलट गई थी, जिसमें 56 लोगों की जान चली गई थी। इसके अलावा, 2013 में नए पुल पर मची भगदड़ में 115 लोग काल के गाल में समा गए थे।

प्रशासन ने इस बार इन दुर्घटनाओं को रोकने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरती है और यह सुनिश्चित किया है कि सुरक्षा सबसे पहली प्राथमिकता रहे।

डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में दी गई जानकारी पूरी तरह से सही या सटीक होने का हम कोई दावा नहीं करते हैं। ज्यादा और सही डिटेल्स के लिए, हमेशा उस फील्ड के एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें। धार्मिक अपडेट

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