भोपाल में सरकारी दफ्तरों के लिए सतपुड़ा और विंध्याचल भवन 42 साल पहले, 1982 में बने थे। इन भवनों को तोड़कर 800 करोड़ रुपए की लागत से नए भवन बनाने की योजना बनाई गई थी। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में दोनों भवनों को तोड़कर नए भवन निर्माण का निर्णय लिया गया था। हालांकि, पीडब्ल्यूडी (PWD) ने तुलनात्मक अध्ययन के बाद सुझाव दिया है कि 200 करोड़ रुपए की लागत से दोनों भवनों का रिनोवेशन कर उनकी आयु 40 साल और बढ़ाई जा सकती है।
पीडब्ल्यूडी ने दिए रिनोवेशन के सुझाव
जून 2023 में सतपुड़ा भवन में भीषण आग के बाद, गांधी नगर (गुजरात) की नेशनल फोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी से बिल्डिंग के स्ट्रक्चर की जांच कराई गई थी। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि सतपुड़ा भवन के स्ट्रक्चर को कोई गंभीर नुकसान नहीं पहुंचा है। इसके बाद पीडब्ल्यूडी ने रिनोवेशन का सुझाव दिया। रिनोवेशन के बाद इन भवनों की उम्र 40 साल और बढ़ जाएगी, जबकि नई बिल्डिंग की उम्र 75 साल होगी।
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निर्माण कार्य को पूरा होने में लगेंगे 5 साल
रिनोवेशन पर लगभग 200 करोड़ रुपए खर्च होंगे और इसे 18 महीनों में पूरा करने का लक्ष्य है। इस प्रक्रिया में फायर हाइड्रेंट, इलेक्ट्रिकल फिटिंग, प्लंबिंग, टॉयलेट्स, इमरजेंसी एग्जिट, लिफ्ट, सीसीटीवी कैमरे, जनरेटर और पार्किंग सुविधाओं को अपग्रेड किया जाएगा। जबकि, अगर नए भवन बनाए जाते हैं, तो 800 करोड़ रुपए की लागत आएगी और निर्माण कार्य को पूरा होने में 5 साल लगेंगे। इस अवधि के दौरान सरकारी दफ्तरों को किराए के भवनों में स्थानांतरित करना पड़ेगा, जिससे अतिरिक्त खर्च और असुविधा हो सकती है।
भवन तोड़ने की चुनौतियां
सतपुड़ा और विंध्याचल भवनों को तोड़ने पर निकलने वाले सी एंड डी (Construction & Demolition) वेस्ट के निष्पादन में भी कई मुश्किलें आएंगी। इसलिए पीडब्ल्यूडी ने सुझाव दिया है कि दोनों भवनों को तोड़ने की बजाय रिनोवेशन करना एक बेहतर और सस्ता विकल्प है।
नए भवन के प्रस्ताव की स्थिति
हालांकि, सतपुड़ा भवन के लिए पहले से ही टेंडर जारी हो चुका था, लेकिन चुनावी परिस्थितियों के कारण इसे मंजूरी नहीं मिल पाई। नए भवन बनाने के प्रस्ताव में कुल एरिया 85 हजार वर्ग मीटर से बढ़कर 1 लाख वर्ग मीटर हो जाएगा, लेकिन इसके लिए समय और लागत, दोनों अधिक होंगी।
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