माध्यमिक शिक्षक पात्रता भर्ती परीक्षा की शिकायत पर कैसे हो रही खानापूर्ति? पीएमओ से सीएम हेल्पलाइन और ESB, DPI क्या

उच्च माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा 2023 में प्रश्न विवाद के कारण शिफ्ट-1 और शिफ्ट-2 में अलग-अलग मापदंड अपनाए गए। शिकायतकर्ताओं ने पीएमओ से शिकायत की, लेकिन ESB और DPI ने इसे निचले स्तर पर ही बंद कर दिया। 

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Sanjay gupta
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माध्यमिक शिक्षक पात्रता भर्ती
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म.प्र. कर्मचारी चयन मंडल (ESB) भोपाल ने उच्च माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा 2023 को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में शिकायत की। शिकायतकर्ताओं को यह शिकायत मजबूरी में करनी पड़ी, जब भोपाल स्तर पर किसी ने नहीं सुना। यह शिकायत पीएमओ से सीएम हेल्पलाइन पर आई और फिर ESB और DPI  (लोक शिक्षण संचालनालय) किस तरह एक-दूसरे पर ढोलकर, इसे निचले स्तर पर बंद करते जा रहे हैं। यह शिकायतों के निवारण पर सरकारी सिस्म के रवैए को बताता है। 

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यह है शिकायत

शिकायकर्ता सुदर्शन सोलंकी एवं कार्तिक गिरवाल द्वारा प्रदेश स्तर पर इसे लेकर कई बार शिकायत हुई, लेकिन निराकरण नहीं होने पर अब इसकी शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय से कर दी गई। शिकायत में लिखा था कि उच्च माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा 2023 (परीक्षा दिनांक- 04/03/2023) में बायोलॉजी विषय की शिफ्ट-1 (Q.ID:2657261) में प्रश्न पूछा गया कि पारा प्रदूषण के कारण ............ होती है- का सही उत्तर मिनामाता रोग को माना गया, जबकि शिफ्ट-2 (Q.ID:2657236) में प्रश्न मिनामाता रोग किसके विषैले प्रभाव के कारण होता है का सही उत्तर पारा न मानते हुए प्रश्न को निरस्त कर दिया गया।  ईएसबी द्वारा इसका कारण हिंदी अनुवाद में त्रुटि बताया गया है। जबकि दोनों ही शिफ्ट में मिनामाता रोग का अंग्रेजी एवं हिंदी अनुवाद एक समान ही था।

प्वाइंट अंक के कारण उम्मीदवार हो गए बाहर

शिकायत में है कि ईएसबी के इस पक्षपात के कारण शिफ्ट-2 के कई योग्य उम्मीदवारों को दशमलव में अंक मिलने के कारण वह अपात्र हो गए। शिफ्ट-2 के ही जिन उम्मीदवारों को इस प्रश्न का उत्तर नहीं पता था, उन्हें इस प्रश्न के निरस्त होने का लाभ मिल गया। एक ही परीक्षा में दोहरे मापदंड अपनाए गए, यदि प्रश्न एक शिफ्ट में सही है, तो दूसरी शिफ्ट में गलत क्यों? क्या ईएसबी एक ही परीक्षा में हर शिफ्ट के लिए अलग-अलग नियम से मूल्यांकन करेगा? 

अब इनके साथ हुआ क्या?

  • आवेदकों ने जब भोपाल में कोई सुनवाई नहीं हुई तो जुलाई माह में इसे लेकर पीएमओ को शिकायत कर दी और जांच की मांग की।
  • वहां से शिकायत को सीएम हेल्पलाइन में संबंधित दोनों विभाग ईएसबी और डीपीआई पर दर्ज कराई गई और आवदेकों को इसके शिकायत नंबर दे दिए गए। 
  • इसके बाद सीएम हेल्पलाइन में अगस्त माह में यह शिकायत एल 1 लेवल से शुरु हुई।
  • कुछ-कुछ दिन में शिकायत का एक ही जवाब डाला गया, जो आवदेक ने जवाब से सहमत नहीं होते हुए शिकायत बंद करने से मना कर दिया। इसके बाद यह एक-एक कर लेवल ऊपर चढ़ती गई, क्योंकि निराकरण नहीं हुआ था। 
  • अब यह शिकायत डीपीआई में लेवल थ्री पर तो ईएसबी में सबसे उच्च स्तर पर एल 4 पर लंबित हो चुकी है।

ईएसबी यह फिक्स जवाब देता है हर लेवल पर

ईएसबी हर लेवल पर इसमें एक तय जवाब लिखकर इसे बंद कर देता है। इसमें लिखा होता है कि- मप्र कर्मचारी चयन मंडल का कार्यक्षेत्र सामान्य प्रशासन विभाग व संबंधित विभाग के नियम, निर्देश के अनुरूप परीक्षा आयोजित कर परीक्षा परिणाम घोषित करने तक सीमित है। ईएसबी परीक्षा की सुचिता व पारदर्शिता हेतु प्रतिबद्ध है।

डीपीआई का यह यह जवाब तय

उधर, डीपीआई हर लेवल पर एक तय जवाब देते हुए शिकायत बंद कर रहा है। इसमें लिखा जाता है कि प्रकरण भर्ती प्रक्रिया से संबंधित है, भर्ती की कार्रवाई विभाग की नीति व नियमों के तहत रिक्त पदों पर पारदर्शिता व प्रवीण्यता के आधार पर आनलाइन माध्यम से की जाती है। आवेदक की मांग के आधार पर भर्ती नियमों में परिवर्तन करना और नियुक्ति देना संभव नहीं है। इसलिए प्रकरण नीतिगत होने से शिकायत बंद करने का अनुरोध है।  

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